17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना में AQI फिर 400 के पार, प्रदूषण से 20 प्रतिशत तक बढ़े काला दमा व अस्थमा के मरीज

पटना में समनपुरा इलाका वायु प्रदूषण के लिहाज से जिले का सबसे प्रदूषित इलाका लगतार बना हुआ है. यहां एक्यूआइ 421 दर्ज किया गया है. वहीं राजवंशी नगर में 374, मुरादपुर में 361, तारामंडल में 360 AQI दर्ज किया गया है.

पटना में वायु प्रदूषण का स्तर फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. रविवार को पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स या एक्यूआइ 404 दर्ज किया गया है जो कि खतरनाक स्तर का है. इसके साथ ही बिहार के दस जिलों की हवा रविवार को खतरनाक रही है. इसमें पूर्णिया का 422, कटिहार 426, दरभंगा 436, छपरा 414, भागलपुर 428, बेगूसराय 469, सहरसा 422, समस्तीपुर 418, सीवान 442 एक्यूआइ दर्ज किया गया है. यह मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है.

समनपुरा में सबसे अधिक प्रदूषण  

पटना में समनपुरा इलाका वायु प्रदूषण के लिहाज से जिले का सबसे प्रदूषित इलाका लगतार बना हुआ है. यहां एक्यूआइ 421 दर्ज किया गया है. वहीं राजवंशी नगर में 374, मुरादपुर में 361, तारामंडल में 360, गवर्नमेंट हाइ स्कूल शिकारपुर के पास 334, डीआरएम कार्यालय के पास 318 एक्यूआइ दर्ज किया गया है.

प्रदूषण से 20 प्रतिशत तक बढ़े काला दमा व अस्थमा के मरीज

ठंड में प्रदूषण और कम तापमान ने अस्थमा और काला दमा के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है. वर्तमान में शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स समेत निजी अस्पतालों की ओपीडी में इस बीमारी से पीड़ित 20 प्रतिशत मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी से पीड़ित अधिकतर रोगी सालभर बिना परेशानी के रहते हैं, लेकिन सर्दियों के चार महीने नवंबर, दिसंबर, जनवरी और फरवरी में अस्पतालों में इनकी संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.

सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं और सूजन आ जाती है

वरिष्ठ फिजिशियन डॉ बिमल राय का कहना है कि काला दमा को सीओपीडी कहते हैं, जो एक क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी है. इसमें सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है. यह सूजन निरंतर बढ़ती रहती है, जिससे आगे चलकर फेफड़े छलनी हो जाते हैं. इसे एम्फायसेमा कहते हैं. यह बीमारी सांस में रुकावट से शुरू होती है और धीरे-धीरे सांस लेने में मुश्किल होने लगती है.

Also Read: बिहार में फिर लौटेगी शीतलहर, दिन के तापमान में नौ डिग्री सेल्सियस तक की होगी गिरावट
अस्थ्मा का आये अटैक तो यह करें उपाय

फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ वैभव शंकर ने बताया कि जब भी आपको अस्थमा का अटैक आये तो सबसे पहले बिना देरी किये डॉक्टर से परामर्श लें और जरूरत होने पर दवाइ लें. इनहेलर का इस्तेमाल करें. अगल लेटे हैं तो बैठे या खड़े हो जाएं और लंबी सांसे लें. कपड़ों को ढीला करें और शांत रहने का प्रयास करें. कॉफी, सूप जैसी गर्म चीजों का सेवन करें. इससे सांस लेने की नलियां कुछ घंटों के लिए खुल जायेंगी. इसके बाद ही बिना देरी किये किसी डॉक्टर से संपर्क करें.

ये है काला दमा के लक्षण

  • तेजी से सांस लेना

  • बलगम के साथ खांसी आना

  • सीने में इन्फेक्शन होना

  • सीने में जकड़न

  • लगातार कोल्ड, फ्लू रहना

https://www.youtube.com/watch?v=SJuY3Q-pyE8

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें