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एसपी के निर्देश के बाद भी पुलिस ने मवेशियों से लदा बंद कंटेनर को छोड़ दियाअररिया

जिले में मवेशी तस्करी का बड़ा रैकेट सक्रिय है. वहीं लाइजनिंग के नाम पर पुलिस को भी किस प्रकार माइनेज किया जाता है, यह मवेशी तस्कर के लाइनर भी खुलेआम बाेलते हैं. जिसकी पुष्टि भी रविवार को तब हो गयी जब पत्रकारों की शिकायत पर एसपी ने जोकीहाट थाना अध्यक्ष को मवेशी लदे कंटेनर की जांच के आदेश दिया तो जोकीहाट पुलिस ने कंटेनर को यूं ही छोड़ दिया. न तो मवेशियों की तस्करी का ख्याल रहा और न ही पशु क्रूरता अधिनियम का ही पालन किया.

अररिया. जिले में मवेशी तस्करी का बड़ा रैकेट सक्रिय है. वहीं लाइजनिंग के नाम पर पुलिस को भी किस प्रकार माइनेज किया जाता है, यह मवेशी तस्कर के लाइनर भी खुलेआम बाेलते हैं. जिसकी पुष्टि भी रविवार को तब हो गयी जब पत्रकारों की शिकायत पर एसपी ने जोकीहाट थाना अध्यक्ष को मवेशी लदे कंटेनर की जांच के आदेश दिया तो जोकीहाट पुलिस ने कंटेनर को यूं ही छोड़ दिया. न तो मवेशियों की तस्करी का ख्याल रहा और न ही पशु क्रूरता अधिनियम का ही पालन किया.

45 मवेशियों से लदे बंद कंटेनर को रोकना पड़ गया महंगा

रविवार को जिले के अररिया जीरो माइल में मवेशी तस्करों का एक कंटेनर जिसमें लगभग 45 मवेशी लादे गये थे, को जब स्थानीय लोगों ने रोका और जानकारी मिलने पर पत्रकार भी पहुंचे, तो मवेशी तस्करों के संगठित गिरोह ने न केवल पत्रकारों के साथ बदतमीजी की बल्कि उनका मोबाइल भी छीन कर तोड़ दिया. हालांकि जब उनसे पूछा गया तो ट्रक के चालक ने बताया कि यह माल (मवेशी) सादिक, फिरदौस व फिरोज भाई का है. यह किशनगंज जाता है. पटना से मवेशियों को लाद कर आ रहे हैं. हालांकि मामले की सूचना जब एसपी अमित रंजन को दी गयी तो मवेशी लदे कंटेनर को जोकीहाट में रोका गया. एसपी को बताया गया कि पुलिस ने जब साक्ष्य की जांच की तो उसे छोड़ दिया गया. हालांकि मवेशी लदे वाहन को छोड़ा जाना किस दस्तावेज की पुष्टि है कहना मुश्किल है. एक बंद कंटेनर में मवेशी को लाद कर पटना से किशनगंज की 400 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कराना किस दस्तावेज में सही है यह तो जांच का विषय है.

क्या है पशु क्रूरता निवारण अधिनियम

1960 में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम लाया गया. इस एक्ट की धारा-4 के तहत साल 1962 में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया. इस अधिनियम का उद्देश्य हीं पशुओं को अनावश्यक उत्पीडन की प्रवृत्ति से रोकना है. इसके तहत अपराध की सजा भी निश्चित की गयी है. ऐसे में अगर 45 मवेशी को 400 किलोमीटर की यात्रा एक बंद कंटेनर में करायी गयी तो क्या यह पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन नहीं है. इस बात का सही जवाब तो जोकीहाट थाना पुलिस ही दे सकती है कि आखिर उन्होंने किस परिस्थिति में एसपी के निर्देश के बाद भी मवेशी लदे कंटेनर को छोड़ दिया.

पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का पालन जरूरी

नगर थाना में आवेदन मिला है. मामले की जांच की जायेगी. जिन लोगों ने उपद्रव मचाया है उनके विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही जिले के सभी थानाअध्यक्ष को निर्देश दिया गया है कि वे अपने थाना क्षेत्रों में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएं, अन्यथा कार्रवाई की जायेगी. – अमित रंजन, एसपी अररिया

बंद कंटेनर में पशु को ले जाना कानून का उल्लंघन

पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक एक वर्ष से नहीं हुई है, लेकिन जल्द हीं बैठक बुलायी जायेगी. बंद कंटेनर में तो मवेशी को ले जाना है ही नहीं. बावजूद 400 किलोमीटर तक अगर मवेशी को बंद कंटेनर में ले जाया गया है तो यह मवेशियों के साथ अन्याय है, यह पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन है. डीएम के निर्देश के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. – डॉ राजीव कुमार सिंह, जिला पशु पालन पदाधिकारी अररिया

हमने नहीं, गश्ती वाहन ने छोड़ी गाड़ी

एसपी के निर्देश के बाद गश्ती में मौजूद पुलिस को मवेशी लदे वाहन की जांच का आदेश दिया गया था, लेकिन आवश्य दस्तावेज की जांच के बाद गश्ती में मौजूद पुलिस ने वाहन को छोड़ा है. मैं जांच के वक्त नहीं था. आखिर कौन से कागजात को लेकर मवेशी लदा वाहन छोड़ा गया है, उसकी जांच की जायेगी.

राजीव कुमार, थाना अध्यक्ष जोकीहाट

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