अभियान के सफल संचालन को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये कई सुझाव
फोटो-26- स्कूली बच्चों के साथ पर्यवेक्षिका.प्रतिनिधि, अररियाडायरिया पांच साल तक के बच्चों के मौत की प्रमुख वजह है. डायरिया संबंधी मामलों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से जिले में 23 जुलाई से 22 सितंबर तक स्टॉप डायरिया कैंपेन संचालित किया जा रहा है. अभियान के क्रम में 0 से 05 साल तक बच्चों वाले चिह्नित परिवार के बीच ओआरएस व जिंक टैबलेट का वितरण करते हुए डायरिया से बचाव के लिए स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक किया जा रहा है. अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका इंदु एस द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंडों का भ्रमण करते हुए अभियान का जायजा लिया गया. इस क्रम में राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका ने जिले के जोकीहाट व फारबिसगंज प्रखंड अंतर्गत कई गांव के ग्रामीणों से मुखातिब होते हुए उनसे अभियान के संबंध में जरूरी पड़ताल की. विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंच कर भी उन्होंने अभियान का अनुश्रवण किया. इस क्रम में बच्चों को डायरिया से बचाव को लेकर जरूरी सुझाव देते हुए उन्होंने अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर संबंधित अधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिये. निरीक्षण के क्रम में एसएमसी यूनिसेफ आदित्य कुमार, डीसीएम सौरव कुमार, एडीसी यूनिसेफ राकेश कुमार, संबंधित प्रखंड के अस्पताल प्रबंधक, बीसीएम, बीएमसी सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे. दो दिवसीय परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत अररिया पहुंची केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका इंदु एस ने जोकीहाट प्रखंड अंतर्गत काकन, सिमरिया मटियारी पंचायत व फारबिसगंज प्रखंड के सुखी टोला, कुरबा लक्ष्मीपुर, ढोलबज्जा सहित अन्य गांवों का भ्रमण करते स्थानीय ग्रामीण, आशा कार्यकर्ता, विभिन्न विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से मुलाकात कर उनसे अभियान के संबंध में जरूरी पड़ताल की. उन्होंने अभियान की सफलता में उनसे उचित सहयोग व समर्थन की अपील की. राष्ट्रीय पर्यवेक्षिका इंदु एस ने कहा कि डायरिया एक ऐसी बीमारी है. जिसे सही समय पर पहचान व उचित उपचार से पूरी तरह रोका जा सकता है. स्टॉप डायरिया अभियान का उद्देश्य डायरिया के कारण होने वाले बच्चों की होने वाली मौत को नियंत्रित करते हुए समुदाय को इसके रोकथाम संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करना है. ताकि हर बच्चा सुरक्षित व स्वस्थ रह सके. स्टॉप डायरिया के माध्यम से हम न सिर्फ ओआरएस व जिंक टैबलेट का वितरण कर रहे हैं. बल्कि समुदाय को स्वच्छता व साफ-सफाई के महत्व के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं. डायरिया से होने वाली बच्चों की मौत को शून्य तक पहुंचाना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है.
बच्चों की मौत को कम करने का हो रहा ठोस प्रयास
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि जिले में डायरिया से होने वाली बच्चों की मौत को कम करने का ठोस प्रयास किया जा रहा है. डायरिया एक ऐसी बीमारी है जिसे सरल उपचार व स्वच्छता से रोका जा सकता है. अभियान का मुख्य उद्देश्य से समुदाय को डायरिया से बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करना है. जिले में अभियान का सकारात्मक असर देखा जा रहा है. उन्होंने अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए अभिभावकों से अभियान की सफलता में सक्रिय सहयोग की अपील की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है