सियार के आतंक से लोगों में खौफ, ग्रामीणों की नींद गायब फोटो:33-शंकरपुर में ग्रामीणों द्वारा पकड़ा गया जानवर. प्रतिनिधि ,भरगामा भरगामा थाना क्षेत्र के शंकरपुर व रघुनाथपुर उत्तर पंचायत में सियार ने करीब एक दर्जन लोगों पर हमला कर जख्मी कर दिया है. बुधवार की शाम जंगली जानवरों की टोली ने अचानक शेखपुरा व शंकरपुर गांव में एक साथ कई जगहों पर लोगों पर हमला बोल दिया है. मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की शाम शंकरपुर निवासी सरोज सिंह के 20 वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार, विनेश मेहता के पुत्र मोहन मेहता, रुदिलाला ऋषिदेव के पुत्र सरणजीत ऋषिदेव, बुच्चाय ऋषिदेव के पुत्र अटीन ऋषिदेव शेखपुरा गांव निवासी फरेवी यादव के पुत्र आनंदी यादव, अनिल यादव की पुत्री चंचल कुमारी, उमानंद यादव व अनमोल यादव के भैंस के बच्चे पर हमला कर घायल कर दिया है. जंगली जानवर के हमले के दौरान शंकरपुर गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने मिलकर एक जंगली जानवर को घेर कर पकड़ लिया. लेकिन चार से पांच की संख्या में आये जंगली जानवरों के हमले के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. ग्रामीण रतजगा कर रहे हैं. प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों की आंखों से नींद गायब हो चुकी है. अपने परिवार की चिंता के चलते लोग खुद सोये बिना बच्चों की रखवाली के लिए दिन में भी हाथ में लाठी-डंडा लेकर पहरेदारी कर रहे हैं. और तो और डर के मारे बच्चे स्कूल भी नहीं जा रहे हैं. दहशत के कारण किसान अपने खेतों तक भी नहीं जा रहे हैं. इस संबंध में डीएफओ मेघा यादव ने कहा कि अलग-अलग जगहों पर सियार के काटने से घायल होने की सूचना मिली है. वन विभाग की टीम उक्त सियार को पकड़ने का हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने लोगों से अपने आसपास की झाड़ियों को काटकर उचित लाइट का प्रबंध करने की सलाह दी है. और ग्रामीणों को हर संभव मदद करने का आश्वासन भी उन्होंने दिया है. ————— पीएचसी में नहीं बैठते डाॅक्टर, मरीजों को हो रही परेशानी फोटो:34- प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र महथावा. फोटो:35-चिकित्सक के इंतजार में बैठे मरीज प्रतिनिधि, भरगामा लाखों की लागत से बने प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के नहीं रहने से स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है. उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची मरीज रेखा देवी, फुदनी देवी, कौशल्या कुमारी, बीवी आशियाना खातून, मो सदीक ने बताया कि भरगामा प्रखंड अंतर्गत महथावा बाजार का प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र में यूं तो कहने के लिये सारी सुविधाओं से लैस है, लेकिन धरातल पर अगर देखा जाये तो सिर्फ एक नर्स व दो स्वास्थ कर्मी के बदौलत पीएचसी चल रहा है. ऐसा नहीं हैं कि स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई है. उप स्वास्थ्य केंद्र में डाॅ मधु को पदस्थापित किया गया है. जबकि डाॅ साहिबा ग्रामीणों को भगवान भरोसे छोड अपने निजी काम में स्वास्थ्य केंद्र से 80 किमी दुर पूर्णिया में रहती हैं. अब सवाल यह उठता है कि आखिर मरीज अपना इलाज किससे करायें. हलांकि उप स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीण क्षेत्र की महिला प्रसव कराने आती है तो उसे भी पदस्थापित नर्स सावित्री कुमारी के भरोसे प्रसव कराना मजबूरी बन जाती है. जबकि प्रसव के दौरान जानकार चिकित्सक का वहां मौजूद रहना जरूरी होता है. गौरतलब है कि लगभग 20 हजार की आबादी वाले इस गांव में प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र तो बना दिया गया. लेकिन चिकित्सकों की कमी को नजरअंदाज किया गया. जिसका खामियाजा गरीब तबके के लोगों को भुगतना पड़ता है. गरीब व दबे कुचले लोगों को छोटी सी छोटी बीमारियों में भी बाजारों से महंगी दवाई लेकर इलाज कराना पड़ता है. जिससे उसका आर्थिक दोहन हो रहा है. चिकित्सक के विरुद्ध होनी चाहिए कार्रवाई इधर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि कुलदीप यादव ने बताया ग्रामीणों की बार-बार शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया तो चिकित्सक मधू को अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित पाया. ऐसे गैर जिम्मेदार चिकित्सक पर कार्रवाई होनी चाहिए. …………ग्रामीणों के द्वारा इस बाबत जानकारी मिली है. वरीय पदाधिकारी को पत्र भेज कर मामला संज्ञान में दिया जायेगा. संतोष कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, भरगामा
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