भरगामा. मंगलवार को एनएच 327 ई खजुरी साह टोला में बिजली बाधित को लेकर सड़क जाम को छुड़ाने में पत्थरबाजी की तीन बार घटनाएं हुई. बताया गया कि पत्थरबाजी करीब एक घंटा तक चलता रहा. बताया जाता है कि सड़क जाम समर्थकों को समझाने के बाद जाम समाप्त कराया गया. इसी बीच एक जाम समर्थक द्वारा दारोगा मनीष कुमार के सिर पर लाठी चला देने से माहौल भड़क गया व पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किया गया व दूसरी ओर जाम समर्थकों द्वारा पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया. बताया जा रहा है कि इस हिंसक झड़प में आधा दर्जन ग्रामीण सहित आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी भी घायल हो गये. स्थिति तनावपूर्ण देखते हुए बौसी पुलिस, रानीगंज पुलिस, ब्रजवाहन, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, रानीगंज सर्किल इंस्पेक्टर सहित भारी संख्या में पुलिस बल को घटनास्थल पर बुलाया गया. वहीं स्थानीय बुद्धिजीवी व प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि की पहल पर जाम खुलवाया गया. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताया जा रहा है. अगर पुलिस संयम बरतती, तो नहीं घटित होती हिंसक घटना भरगामा. अगर पुलिस संयम बरतती तो शायद खजुरी में जाम छुड़ाने में पुलिस-पब्लिक के बीच झड़प नहीं होती. इससे दोनो पक्षों से एक दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी नहीं होते. बताया गया कि प्रमुख प्रतिनिधि गुड्डू यादव व समाजसेवी सितांशू शेखर पिंटू व पूर्व मुखिया राजेश गुप्ता व अन्य बुद्धिजीबियों के हस्तक्षेप से लोग सड़क पर से हट गये. हालांकि, हटने से पूर्व ही जाम समर्थक पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये व्यक्ति को छोड़ने की मांग कर रहे थे. इधर, जाम समर्थक के हटने के बाद पुनः भारी संख्या में पुलिस वहां पहुंच गयी. बताया जाता है कि बस्ती में घुस कर जाम समर्थकों को खोजने लगी. इस दौरान ग्रामीणों का आरोप है कि महिला व बच्चों को पीटना शुरू कर दिया गया. यह सूचना बस्ती में जंगल में लगी आग की तरह फेल गयी. ग्रामीण पुनः एकत्रित होकर पुलिस का प्रतिकार कर दिया. पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया व पत्थरबाजी भी की. इस दौरान एक चौकीदार भी जाम समर्थकों के हत्थे चढ़ गया. जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया. मेरे घर में घुस कर पुलिस ने की तोड़-फोड़, मेरी पत्नी व बेटी को पीटा: सरपंच सरपंच रंधीर गुप्ता ने बताया कि पुलिस उनके घर में घुसकर खिड़की को तोड़ दिया. बाइक को क्षतिग्रस्त कर दिया. जबकि बेटी व पत्नी को भी बेरहमी से पीटा गया. बताया कि जिस समय यह घटना घटित हुई उस वक्त मैं गांव में नहीं था. इस घटना के बाद पुलिसिया कार्रवाई पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं.
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