मृगेंद्र, अररिया. अगर विभागीय अधिकारी के आंखों पर संवेदक की मेहरबानी का पर्दा नहीं पड़ता तो आज बकरा नदी पर बन रहा पड़रिया पुल उद्घाटन से पहले नदी के गर्भ में नहीं समाता. जिस पुल पर आवागमन के लिए वर्षों से लोग प्रतीक्षा कर रहे थे आज सिखटी प्रखंड व कुर्साकाटा प्रखंड को जोड़ने वाला पड़रिया पुल अपने निर्माण के दौरान ही नदी के गर्भ में समा गया.
बता दें की इस पुल के निर्माण को लेकर स्थानीय विधायक विजय कुमार मंडल व सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने काफी मेहनत की थी. यही नहीं यह पुल जब बना तो पहली बार नदी का किनारा बाढ़ के कारण दूर हो गया, इसके बाद 12 करोड़ की लागत से नदी को किनारे तक को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण शुरू हुआ. लेकिन विभागीय लापरवाही व संवेदक की अनियमितता पूर्वक कार्य के कारण मंगलवार को पुल बकरा नदी के गर्भ में समा गया.
बता दें कि बकरा नदी व कुर्साकाटा के बीच डोमरा बांध पर इस पुल का निर्माण हो रहा था, उक्त पुल के निर्माण को लेकर हाल के दिनों में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को स्थानीय विधायक विजय कुमार मंडल ने ले जाकर कार्य दिखाया था. यह बात भी हुई थी कि बाढ़ से पूर्व पुल के और नदी के दोनों साइड में कटावरोधी कार्य किये जायेंगे, बहरहाल बातें तो बातें ही रह गई ना तो कटावरोधि कार्य हीं हुआ ना हीं पुल के निर्माण को लेकर संवेदक हीं जवाबदेह हुये.
विभागीय अधिकारी व संवेदक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज
स्थानीय भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल की मानें तो वह स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि संवेदक द्वारा रात के अंधेरे में पुल का निर्माण व पाइलिंग कार्य किया जाता था, पुल का अगर पाइलिंग सही होता तो उसका तीन से चार पाया बकरा नदी के गर्भ में नहीं समाता. उन्होंने विभागीय अधिकारी व संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है, उन्होंने यहां तक कहा है कि तत्काल संवेदक व विभागीय कार्यपालक अभियंता व विभागीय अधिकारी के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाये.
निर्माण में अनियमितता बरती गई
सिकटी प्रखंड के कौआखों पंचायत के पैक्स अध्यक्ष विकास कुमार यादव भी वहां पर मौजूद थे व उन्होंने बताया कि पुल निर्माण में अनियमितता बरती गई, जिसका परिणाम है कि पुल बाढ़ का पहला पानी भी नहीं झेल पाया, अब परेशानी की बात यह है कि इतनी लागत से पुल का निर्माण होता है, पुल धराशाई हो जाता है, बावजूद कार्रवाई नहीं होती है, इससे संवेदक व विभागीय अधिकारों का मनोबल काफी ऊंचा है, उन्होंने अपने समस्त ग्रामीणों की तरफ से मांग की है कि तत्काल हीं विभागीय अधिकारी व संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये.
पुल का बहना चिंतनीय है, दोषी संवेदक व अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी. अररिया में निर्माणाधीन सभी बड़े पुलों की जांच होगी, किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा.
प्रदीप कुमार सिंह, सांसद अररिया
जानकारी मिली है, जेई एसडीओ को भेज दिया गया है. नदी के मुड़ाव स्थल पर पुल का एक पाया बहा है, जांच होगी, जो भी संभव होगा वह किया जायेगा.
अंजनी कुमार, कार्यपालक अभियंता आरडब्ल्यूडी
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