परवाहा. ग्रीष्म ऋतु का आगमन होते ही अररिया जिला के फारबिसगंज व रानीगंज प्रखंड क्षेत्र से होकर बहनेवाली कई नदियों की जल की धारा थम सी गई है. नदियों में पानी के जगह बालू दिखने लगी है. मालूम हो कि फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र होते हुए रानीगंज क्षेत्र से निकलने वाली कई नदियां जो दशकों पहले गर्मी के मौसम में भी जीव-जंतुओं का प्यास का बुझाने का काम करती थी. आज वही नदी मृत होकर खुद अपनी प्यास बुझाने का इंतजार कर रही है. ग्रीष्म ऋतु का असर नदियों में अभी साफ-साफ दिखने लगा है. नदी, नाला, कुएं का जलस्तर धीरे-धीरे नीचे जा रहा है. फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र से बहती हुई रानीगंज प्रखंड से निकलने वाली दो नदियों का प्रभात खबर टीम ने जब पड़ताल किया तो दोनों नदी सूखी देखी गई. दोनों सूखी नदियों में कमला व गरैया नदी शामिल है. इनदोनों नदी का पानी सूख चुकी है. नदी के पानी से किसान अपने खेत का पटवन करते हैं तो पशु-पक्षी भी नदी का जल से अपनी प्यास बुझाते हुए अपना जीवन यापन करते हैं. पानी सूखने के कारण पशु-पक्षी व्याकुल नजर आने लगे हैं. नदी में पानी सूखने के कारण नदी पर निर्भर रहने वाले परिंदे बालू की ढेर पर कड़ाके की धूप में इधर-उधर भटकते हुए देखे जाते हैं. इस कदर सूखती रही नदी की धारा, तो इस क्षेत्र में नहीं दिखेंगे पक्षी यदि इसी कदर नदियों की पानी सूखती रही तो पनकौआ सहित कई पक्षी जो मुख्य रूप से नदी से छोटे-छोटे कीड़े, मकोड़े खाकर अपना जीवन यापन करते हैं. इन पक्षियों को इन नदियों में भोजन नहीं मिलता है तो निश्चित रानीगंज, फारबिसगंज प्रखंड के इन गांवों में नदी से जीवन यापन करने वाले पक्षी धीरे-धीरे इस क्षेत्र को छोड़कर अन्य जगहों पर चले जायेंगे. फिर इस क्षेत्र के लोग इस तरह के पक्षियों के कोलाहल सुनने को तरस खायेंगे.
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