23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नल जल योजना संवेदक की मनमानी व पदाधिकारियों की लापरवाही से फेल

अनुरक्षक को दो वर्ष से नही मिल रहा मानदेय

वाटर टावर में कार्यरत अनुरक्षक को दो वर्ष से नही मिल रहा मानदेय फोटो-1-मानदेय को लेकर आंदोलन करते ऑपरेटर. प्रतिनिधि, अररिया बिहार सरकार द्वारा संचालित सात निश्चित की महत्वाकांक्षी नल जल योजना संवेदक व विभागीय पदाधिकारी की लापरवाही के कारण फेल होती दिख रही है. एक ओर बिहार सरकार सभी लोगों को शुद्ध पेयजल मिले व वो विभिन्न प्रकार की बीमारी से बच सके. इसके लिए हर पंचायत में करोड़ों रुपये खर्च की है. ताकि सभी को स्वच्छ जल मिल सके. वहीं दूसरी ओर इस योजना को क्रियान्वित करने वाली एजेंसी उसके संवेदक पूरी तरह लूट कर इस योजना को फेल करने में लगे हैं. इसको देखने वाला विभाग पीएचइडी विभाग केवल अवैध राशि उगाही में लगा है. यही कारण है कि सरकार की ये महत्वाकांक्षी योजना गांव में पूरी तरह फेल होती दिख रही है. आज जल आपूर्ति के लिए हर वार्ड में बना जलापूर्ति टावर केवल शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. विभागीय पदाधिकारी ग्रामीण की इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं. अररिया जिला में ही सिर्फ नल जल योजना में अरबों रुपये खर्च किया जा चुका है .लेकिन संवेदक की मनमानी से ये अब सिर्फ शोभा की चीज बनी हुई है.ऐसे तो जिला के सभी पंचायतों में ये योजना दम तोड़ रही है ,लेकिन सबसे ज्यादा रानीगंज प्रखंड के गगरी पंचायत के सभी चौदह वार्ड की है. जहां ये योजना सभी वार्ड में फेल है ,विभागीय लापरवाही व ठेकेदार की मनमानी से पूरे पंचायत के चौदह वार्ड में इसका बुरा हाल है. घघरी पंचायत के डुमरा व लतारी गांव में बुधवार को इन सभी टावर में काम करने वाले अनुरक्षक ने दो वर्षों से ठिकेदार द्वारा मानदेय नहीं दिए जाने के कारण उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. अनुरक्षक ने बताया की हमलोगों को पिछले दो वर्षों से मानदेय नहीं दिया गया है. अनुरक्षक राम विलास,शिव लाल,किशोर कुमार,रूपेश कुमार,मो हसीब,इकबाल,सब्बीर,मो नौशाद आलम,मो इसहाक व सैदूर रहमान,आदि ने बताया की हमलोगों को अनुरक्षक बने चार साल से अधिक हो गया है. पांच हजार मानदेय देने की बात पर बहाली हुई एक माह चार हजार दिया दो साल तक तीन हजार दिया उसके बाद दो माह से वो भी बंद है,अब फोन करने पर संवेदक फोन तक नहीं उठता है. कभी उठाता है तो धमकी देता है की तुम लोगों को हटा देंगे. ऑपरेटर ने बताया कि संवेदक आर्यभट्ट टोल कंपनी है जिसका ठेकेदार पहले मोटर साइकिल से आता था अब वे चार चक्का वाहन पर घूमता है. उल्टे हमलोगों को हटाने की धमकी देता है, हम लोगों ने नौकरी के लालच में अपनी कीमती जमीन तक इस टावर को लगाने के लिए दे दिया था. अनुरक्षक जो इस टावर की देखभाल करता है उन्होंने बताया की अपनी समस्या को लेकर विभाग व जिला पदाधिकारी को भी कई बार आवेदन दिया. लेकिन हमारी समस्या को लेकर कोई निदान नहीं हुआ ,सभी अनुरक्षक ने जिला पदाधिकारी से इस समस्या के समाधान की गुहार लगाते हुए लंबित मानदेय के भुगतान की मांग की है. दिलचस्प बात ये है की दूसरों की प्यास बुझाने वाला अनुरक्षक आज खुद भूखा और प्यासा है, मानदेय नहीं मिलने से ये लोग परेशान हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें