आरा.
गर्मी का सितम लगातार बरकरार है. रविवार को भी सूर्य के तेवर काफी सख्त रहे. धूप की तपिश में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रहा. इससे लोग परेशान रहे. वहीं लू के थपेड़ों ने भी आफत बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. विगत दो महीने से भीषण गर्मी के रूप में शुरू हुआ आफत का सिलसिला कम होने का नाम नहीं ले रहा. हर नया दिन तपते हुए शोलों के रूप में सामने आ रहा है. केवल दिन में ही नहीं रात में भी धूप और लू के रूप में गर्मी के हमले से लोग निढाल रहे. सुबह से ही निकले सूर्यदेव की किरणों में तपिश का अहसास था. सुबह से ही धूप का हमला पूरी तेजी के साथ शुरू हो गया. दोपहर आते-आते तापमान पूरे शबाब पर पहुंच गया व लोग धूप व लू से बचने के लिए घरों में दुबक कर बैठ गये. जो लोग मजबूरी में निकले भी, उनकी हालत भीषण गर्मी से खराब रही. तीखी धूप ने ऐसा तांडव मचाया है कि लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है. तेज धूप होने के कारण हवा भी इतनी गर्म हो गई है कि हीट स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ गया है. शाम के समय मौसम कुछ ठंडा होने पर लोग घर से बाहर निकल पाये. लू लगने व अन्य संक्रामक बीमारी से जूझ रहे हैं लोग : बढ़ती गर्मी के कारण जिले में संक्रामक बीमारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है.लोग लू के थपेड़ों से परेशान हैं. सदर अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी में प्रतिदिन डायरिया, बुखार के रोगी इलाज कराने आ रहे हैं. सरकारी अस्पतालों नर्सिंग होम व निजी क्लिनिकों में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.सूख गये हैं तालाब, पोखर, नहर व अन्य पानी के संसाधन :
गर्मी का असर फसलों पर भी पड़ रहा है. किसानों ने उड़द, पिपरमिंट, मूंग की फसलें बो रखी हैं. नहरों और माइनरों मेें पानी न होने से सिंचाई नहीं हो पा रही है. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि गर्मी का असर फसलों पर पड़ रहा है. फसलों में कोई रोग तो नहीं लग रहा है लेकिन सिंचाई अधिक करनी पड़ रही है. किसानों को चाहिए कि वह फसलों की सिंचाई बराबर करते रहें.एसी व कूलर बाजार हुआ गुलजार :
गर्मी से एसी व कूलर की डेढ़ गुना बिक्री बढ़ चुकी है. खरीदारी के कारण एसी व कूलर के बाजार में काफी रौनक आ चुकी है. जिले के चट्टी -बाजारों में भी एसी की बिक्री शुरू हो चुकी है. यहां तक कि मध्यम वर्ग के लोग भी मजबूरी में एसी लगा रहे हैं. ताकि गर्मी से निजात मिल सके. गत वर्ष जहां जिले भर में साढे 2000 से अधिक एसी की बिक्री हुई थी. वहीं इस वर्ष 6000 से अधिक एसी की बिक्री हो चुकी है. बिक्री को देखते हुए दुकानदारों ने एसी के दाम में 10 से पंद्रह प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है. जबकि कूलर गत वर्ष की अपेक्षा अभी तक 2 गुना से अधिक बिक चुके हैं. इनके दाम में भी लगभग 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दुकानदारों द्वारा की गयी है. इसके बाद भी खरीदारों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. गर्मी से बचाव के लिए लोग पैसे नहीं देख रहे हैं.गर्मी से घर में भी रहना हो रहा है मुश्किल :
गर्मी से घर में भी रहना भी मुश्किल हो रहा है. घर में भी गर्मी के कारण हर चीज तप रहा है. वहीं कूलर की हवा भी राहत नहीं दे पा रही है. छोटे बच्चे काफी परेशान हो रहे हैं .कई बच्चे तो रोने लग रहे हैं. उमस भरी गर्मी लोगों के सुखचैन पर भारी पड़ रही है.पशु-पक्षियों का भी हालत है खराब :
भीषण गर्मी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश तालाबों के पानी के सूख जाने के कारण पशुपालकों को काफी परेशानी हो रही है. उन्हें पशुओं को पानी पिलाने व नहलाने में समस्या हो रही है. पानी के अभाव में गर्मी के कारण पशुओं को ही रहना मुश्किल हो रहा है. वहीं पंक्षी भी पानी के अभाव में मारे- मारे फिर रहे हैं. गर्मी से कई पक्षी मर भी जा रहे हैं.जिले में जल संकट की बन गयी है स्थिति : जलसंकट से लोगों के समक्ष प्यासे रहने की स्थिति उत्पन्न हो रही है. लगातार घट रहे जल स्तर से जिलावासियों के मन व मस्तिष्क पर चिंता की लकीरें खींच रही है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की स्थापना लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए की गई है. पर विभाग अपने दायित्व को पूरी तरह निर्वाहन करने में विफल साबित हो रहा है. विभाग द्वारा घरों में पानी आपूर्ति करने के लिए बिछाये गये पाइप लाइन की स्थिति काफी जर्जर है. नगर में दो दर्जन से अधिक जगहों पर पाइपलाइन फटे हुए हैं. इस कारण हजारों लीटर पानी की बर्बादी प्रतिदिन हो रही है. यह स्थिति जल स्तर को घटाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वहीं दूसरी तरफ लोगों को पानी भी सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है. नियत समय तक पानी आपूर्ति का नियम है. पर पाइप लाइन के फटने से प्रेशर नहीं होने के कारण घरों में सही ढंग से पानी नहीं पहुंच पाता है. इतना ही नहीं गाड़ियों के सर्विसिंग सेंटर में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद किया जाता है. जबकि इस कार्य को नियंत्रित ढंग से करने पर काफी मात्रा में पानी बचाया जा सकता था. वहीं घरों में भी समरसेबल सहित अन्य पानी निकालने के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. नगर के कई मोहल्लों सहित कई प्रखंडों में चापाकल पूरी तरह सूख गए हैं. चापाकल से पानी नहीं निकल पा रहा है.
तीस प्रतिशत तक घट चुकी है बाजारों में बिक्री : भीषण गर्मी के कारण लोग गांव से आरा नहीं आ रहे हैं. इस कारण खरीदारी काफी प्रभावित हुई है. बाजार के प्रभावित होने का आलम यह है कि 30 प्रतिशत तक बिक्री घट चुकी है हालांकि अभी शादी -विवाह का मौसम है. फिर भी अधिकांश लोग आरा आने की जगह स्थानीय बाजार में ही खरीदारी करना बेहतर समझ रहे हैं. ताकि गर्मी से बचा जा सके. इस संबंध में लल्लू भाई साड़ी वाले ने बताया कि गांव से काफी कम संख्या में लोग खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं स्वर्ण व्यवसायी आशु जी ने बताया कि बिक्री काफी प्रभावित हुई है. 30 प्रतिशत तक बाजार पर प्रभाव पड़ा है.इन उपायों पर देना होगा ध्यानवर्षा जल संचयन की करनी होगी पहलनगर निगम व जिला प्रशासन को उठाना होगा कारगर कदमप्राकृतिक जलस्रोतों कुआं, तालाब एवं पोखरों का जीर्णोद्धार कराना होगाबहुमंजिले भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य करना होगाशहर से निकलने वाले गंदे पानी के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर उसका इस्तेमाल अन्य कार्यों में करना होगाबाढ़ के पानी का समुचित प्रबंधन कर उसका लाभ उठाना होगाहर स्तर पर पानी का अपव्यय रोकना होगा.
पोखर-तालाब के जीर्णोद्धार की योजना को कारगर ढंग से लागू करना होगाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है