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गर्भपात कराने गयी महिला की आंत व बच्चेदानी काटी

महावीर टोला स्थित निजी अस्पताल में 28 अक्टूबर की घटना आरोपित डॉक्टर हुआ फरार

आरा.

शहर में एक बार फिर फर्जी डॉक्टरों द्वारा अबॉर्शन करने गयी गर्भवती महिला की छोटी आंत व बच्चेदानी काट देने का मामला सामने आया है. इस घटना से महिला की हालत काफी गंभीर हो गयी है. इसके बाद उसे डॉक्टरों ने धरहरा स्थित निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहां भी इलाज चलने के बाद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ तो वहां से भी उसे रेफर कर दिया गया. जिसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल ले आये, जहां से प्राथमिक उपचार करने के बाद उसकी हालत को चिंताजनक देखते हुए पटना रेफर कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार पीड़िता मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धुंधुआ गांव निवासी इंद्रजीत कुमार की पत्नी ज्योति कुमारी है. उधर घटना के बाद निजी अस्पताल के डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारी क्लिनिक छोड़कर फरार हो गये हैं. महिला के पति इंद्रजीत कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी ज्योति कुमारी साढ़े तीन माह की गर्भवती थी. 26 अक्टूबर की सुबह जब वह शौच करने के लिए जा रही थी. उसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह गिर पड़ी, जिसके बाद उसके पेट में दर्द होने लगा. तभी उसने अपने गांव के ही ग्रामीण चिकित्सक द्वारा सलाह देने के बाद उनके द्वारा ही हमलोगों को महावीर टोला स्थित एक निजी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर द्वारा देखने के बाद कहा गया कि गर्भाशय में रहा बच्चा खराब हो गया है. अबॉर्शन करना होगा, जिसके बाद परिजन ने कहा कि ठीक है कर दीजिए. अबॉर्शन करने के दौरान उक्त डाॅक्टर द्वारा उसकी छोटी आंत एवं बच्चेदानी काट दी गयी, जिसके कारण उसकी हालत काफी चिंताजनक हो गयी. तब क्लिनिक चिकित्सक व उनके कर्मचारियों द्वारा उनकी पत्नी को धनुपरा स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और कहा गया कि तुम इलाज कराओ. इलाज का पूरा खर्चा मैं दूंगा. उसे वहां भर्ती कराकर वे सभी वहां से भाग निकले और खर्च भी नहीं दिये, जिसको लेकर पीड़ित महिला के पति एवं परिजन दर-दर भटक कर न्याय की गुहार लगा रहे हैं. वहीं, घटना की सूचना पाकर जिला परिषद सदस्य धनंजय यादव सोमवार को आरा सदर अस्पताल पहुंचे और पीड़ित महिला के परिजनों से मिलकर घटना की जानकारी ली. जिप सदस्य धनंजय यादव ने पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया कि वह नवादा थानाध्यक्ष को निर्देश दें कि 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी की दर्ज कर उक्त झोलाछाप चिकित्सक व दलाल को गिरफ्तार किया जाये. इसके अलावा उन्होंने सिविल सर्जन से भी ये आग्रह किया कि उनके द्वारा एक धावा दल बनाकर आरा शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जितने भी अवैध रूप से फर्जी अस्पताल चल रहे हैं. उनकी जांच की जाये और हर फर्जी चिकित्सक व दलालों पर सख्त कार्रवाई की जाये.

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