आरा.
शुक्रवार की रात्रि से ही आसमान कुहासों से पटा रहा. स्थिति यह थी कि शनिवार सुबह 9:00 बजे तक कुहासों के कारण सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा था दृश्यता महज तीन से चार फीट तक ही थी. इससे एक तरफ वाहनों की रफ्तार ठहर सी गयी थी. वहीं पैदल यात्रियों के लिए भी चलन काफी मुश्किल हो रहा था. ठंड की स्थिति ऐसी थी कि मानो हवा नहीं पानी बह रहा हो. लोगों को जीने में परेशानी हो रही है. चरम पर पड़ रही ठंड के कारण गलन एवं कनकनी से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. घर से बाहर निकलते ही लोगों को हवा के रूप में पानी का सामना करना पड़ रहा है. हिमालय के बर्फ की तरह वातावरण में ठंडक महसूस हो रहा है. लोग थरथर कांप रहे हैं. कई गर्म कपड़े पहनने के बाद भी ठंड को सहन कर पाना मुश्किल हो रहा है. इतना ही नहीं बाहर तो रहना मुश्किल हो नहीं रहा है. घर में रहना भी मुश्किल हो रहा है. हालात ऐसी रही नौ बजे के पहले कोई भी अपने घर से नहीं निकल पाया. ठंड से पूरा भोजपुर कांप उठा. अधिकांश लोग घरों में ही पूरे दिन दुबके रहे. वहीं जो लोग काम से बाहर निकले, उनमें अधिकांश लोग दोपहर बाद ही अपने घर को वापस लौट गये. ठंड के कारण बाजार में शाम में ही सन्नाटा पसर जा रहा है. आम तौर पर रात नौ बजे तक खुला रहनेवाला बाजार शाम में बंद हो जा रहा है. शाम तक सड़कों पर काफी कम संख्या में लोग दिखाई दे रहे थे. सड़के सुनसान लग रही थी. जिले में आद्रता 85 % रही. वहीं पांच किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछुआ हवा बह रही थी.पूरे दिन नहीं हुए सूर्य का दर्शन :
सुबह से शाम तक भगवान भास्कर नाथ के दर्शन नहीं हो पाये. इस कारण ठंड में और भी बढ़ोतरी हो गयी. गलन चरम पर पहुंच गयी. कई गर्म कपड़ों के बावजूद ठंड से राहत नहीं मिल पा रही थी. संध्या चार बजे तक किसी भी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों ने अपना काम सिमट कर निकलने में ही भलाई समझा. ठंड लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है. पूरे दिन सड़कों पर काफी कम संख्या में लोग दिखाई दे रहे हैं. वही शाम होते ही सड़के सुनसान हो जा रही हैं.बाजारों में नहीं पहुंच रहे हैं ग्राहक :
पूरे दिन ग्राहकों से गुलजार रहने वाले बाजार लगभग सुनसान रह रहे हैं. ठंड के कारण ग्राहक बाजारों में नहीं पहुंच पा रहे हैं. बहुत आवश्यक होने पर ही किसी तरह लोग बाजार में पहुंच रहे हैं तथा आवश्यक सामग्री की खरीदारी कर तुरंत घर वापस जा रहे हैं. ताकि ठंड से बचा जा सके.बच्चों व बूढ़ों को हो रही है काफी परेशानी :
ठंड के कारण बच्चों एवं बूढ़ों को काफी परेशानी हो रही है. बच्चे सर्दी के शिकार हो रहे हैं. वहीं बूढ़े कई तरह के रोगों से परेशान हो रहे हैं. डॉ केएन सिन्हा ने बताया कि इस स्थिति में बच्चों एवं बूढ़ों पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो. थोड़ी भी परेशानी होने पर चिकित्सक के पास ले जाएं तथा उनसे सलाह लें.कई लोग हो रहे हैं ब्रेन हेमरेज सहित अन्य तरह की बीमारियों के शिकार : ठंड में कई लोग ब्रेन हेमरेज के शिकार हो रहे हैं. वही कई लोगों को दमा की शिकायत हो रही है. इस तरह के मरीजों को विशेष सावधानी की आवश्यकता है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. सरकारी अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में भी प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है.ठंड से आदमी के साथ अन्य जीव भी हैं परेशान :
ठंड की स्थिति ऐसी है कि आदमी की कौन कहे दूसरे जीव भी परेशान हैं तथा अलाव का सहारा ले रहे हैं. ताकि किसी तरह उनके शरीर में थोड़ी गर्मी आये और ठंड से बचाव हो सके. गलन, कनकनी सभी जीवों पर भारी पड़ रहा है. ठंड से बचाव को लेकर बंदर भी अलाव का सहारा लेते देखे गये. इससे ठंड का अनुमान लगाया जा सकता है.गरीबों के लिए अलाव बना सहारा : कनकनी व गलन से बचाव को लेकर गरीबों के पास और दूसरा कोई चारा नहीं है. बस अलाव ही उनका सहारा बन रहा है. ठंड से गरीब काफी परेशान हो रहे हैं. प्रशासन द्वारा उन्हें किसी तरह का सहारा नहीं मिल रहा है.
ठंड से आलू की फसल को हो रही है क्षति :
लगातार पड़ रही ठंड से आलू की फसल को क्षति हो रही है. इससे किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. ठंड के कारण आलू में झुलसा रोग लग रहा है. महंगे बीज एवं खाद के बावजूद फसल की स्थिति को देखकर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है