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अतिक्रमण की चपेट में आहर, खेतों के लिए पानी नहीं मिलने से किसान परेशान

आठ एकड़ का आहर अतिक्रमण के कारण एक एकड़ में सिमट कर रह गया

आरा.

सहार प्रखंड के जनकपुरिया गांव का आहर पूरी तरह अतिक्रमण की चपेट में है. इसके बाद भी इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है. वैसे तो जिले में कई आहर, पोखर व तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं. अतिक्रमण से उनका अस्तित्व मिटते जा रहा है. जबकि इस तरह के प्राकृतिक संसाधन से प्रकृति का संतुलन बना रहता था. भू-जल स्रोत व भू जल का स्तर ठीक रहता था, पर प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण प्राचीन जल संचय के धरोहरों का हाल बेहाल है. सहार प्रखंड के जनकपुरिया गांव के आहर का अस्तित्व अतिक्रमण के कारण लगभग मिटने के कगार पर है. इससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. जबकि जल संरक्षण एवं प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने में नदियों के बहाव की निगरानी करने व जल संरक्षण एवं प्रदूषण निवारण आदि के लिए महत्वाकांक्षी जल क्रांति योजना नामक एकीकृत योजना सरकार द्वारा चलायी जा रही है. योजनाओं के क्रियान्वयन नहीं होने से बारिश का 70 प्रतिशत पानी बेकार चला जाता है. देश में जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता वर्ष 1951 में 5177 घनमीटर से घटकर वर्ष 2011 में 1545 घनमीटर तक रह गया है. इसका एक प्रमुख कारण वार्षिक जल उपलब्धता से अधिक जल मांग पर प्रभावी नियंत्रण की कमी का होना है.

आठ एकड़ से अधिक था आहर का क्षेत्रफल : जनकपुरिया गांव के आहर का क्षेत्रफल आठ एकड़ से अधिक था. आहर में पूरे वर्ष पानी भरा रहता था. इससे लोग कई तरह के काम भी करते थे. आवश्यकता पड़ने पर पटवन सहित मवेशियों को पानी पिलाने व नहलाने का काम किया जाता था. इस कारण भूजल स्तर भी ठीक रहता था, पर बाहर के चारों तरफ से अतिक्रमण कर लिए जाने के कारण इसका क्षेत्रफल लगभग एक एकड़ ही बच गया है. हालात यह है कि आहर का पानी बरसात के महज तीन माह बाद ही सुख जाता है. इससे गांव वालों को काफी परेशानी हो रही है. पर प्रशासन द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. जबकि सरकार द्वारा अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाने का प्रावधान किया गया है.

जल संचय के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं : जल के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि सरकार इसके लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. ताकि भविष्य में जल संकट से जूझना नहीं पड़े .भू जल का स्तर बढ़ाने व इसके संरक्षण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में अटल भूजल योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जल निकायों की मरम्मत, नवीकरण एवं पुनरूद्धार, एकीकृत वाटर शेड मैनेजमेंट कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, सूचना, शिक्षा एवं संचार, राष्ट्रीय जल मिशन कार्यक्रम, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, बांध पुनरूद्धार एवं सुधार परियोजना आदि शामिल हैं.

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