औरंगाबाद : प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी का हार्डकोर नक्सली गुप्ता यादव उर्फ गुप्तेश्वर यादव रविवार की देर रात पुलिस के हत्थे चढ़ गया. रफीगंज थाने की पुलिस ने एकौनी मोड़ के समीप से उक्त हार्डकोर नक्सली को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली गुप्ता यादव उर्फ गुप्तेश्वर सलैया थाना क्षेत्र के उधम बिगहा गांव का रहनेवाला है. सोमवार को एसडीपीओ अनूप कुमार ने प्रेस वार्ता कर इसका खुलासा किया.
एसडीपीओ अनूप कुमार ने बताया कि तीन मार्च, 2019 को नक्सलियों द्वारा रफीगंज के बीबीपुर के पूर्व मुखिया मनोज सिंह के मोबाइल पर फोन कर लेवी के रूप में 50 हजार रुपये की मांग की थी. पूर्व मुखिया मनोज सिंह ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी. इसके बाद पुलिस ने अपना जाल बिछा दिया था. इसके बाद कपूर बिगहा निवासी नक्सली जितेन्द्र यादव उर्फ श्याम जी, तनेरी गांव निवासी लक्ष्मण यादव एवं गुप्ता यादव उर्फ गुप्तेश्वर यादव पूर्व मुखिया से लेवी का पैसा वसूलने पहुंचे थे. पहले से तैनात पुलिस ने दो नक्सलियों को धर दबोचा था, लेकिन गुप्ता उर्फ गुप्तेश्वर भाग निकला था. पुलिस इसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी.
इसी बीच, पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि किसी घटना को अंजाम देने के लिए उक्त नक्सली एकौनी मोड़ के पास आया हुआ है. सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार नक्सली के ऊपर जिले के कई थानों में नक्सली घटनाओं से संबंधित अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज है. एसडीपीओ ने बताया कि नक्सली को गिरफ्तार करनेवाले रफीगंज थानाध्यक्ष राजीव रंजन सहित अन्य जवानों को पुरस्कृत किया जायेगा.
गिरफ्तार नक्सली ने आठ साल पहले तीन बीएमपी जवानों की हत्या कर लूटा था हथियार
रफीगंज थाना पुलिस के हत्थे चढ़े हार्डकोर नक्सली ने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था. आठ साल पहले टंडवा स्थित पीएनबी के पास तीन बीएमपी जवानों की हत्या कर दी थी और उनका हथियार लूट लिया था. इस घटना को लेकर टंडवा थाने में मामला दर्ज किया गया था. हार्डकोर नक्सली गुप्तेश्वर यादव उर्फ गुप्ता यादव कई सालों से फरार चल रहा था, जिसकी तलाश पुलिस कर रही थी. 2010 में उक्त हार्डकोर नक्सली ने बारूण थाना क्षेत्र में एक ईंट भट्ठे का ट्रैक्टर फूंक दिया था. इस मामले की प्राथमिकी बारूण थाने में दर्ज करायी गयी थी, जिसे उसे आरोपित बनाया गया था. यही नहीं, नगर थाना व रफीगंज थाना क्षेत्र में भी उसने आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था.
एसडीपीओ की माने तो गिरफ्तार नक्सली लेवी वसूलने में माहिर था. जनप्रतिनिधियों व ठेकेदारों पर उसकी नजर होती थी और लेवी के रूप में मोटी रकम की मांग करता था. लेकिन, पूर्व मुखिया ने हिम्मत दिखायी और पुलिस से इसकी शिकायत कर दी. रविवार की रात लेवी के रूप में 50 हजार रुपये चरकावा पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने मुखिया को कहा था. इसकी सूचना मिलते ही वरीय पदाधिकारियों द्वारा तत्काल पुलिस दल का गठन किया गया. उस वक्त तीन नक्सली लेवी का पैसा लेने पहुंचे थे, जिसमें दो गिरफ्तार हो गये थे, लेकिन तीसरा हार्डकोर नक्सली गुप्तेश्वर यादव फरार हो गया था. गिरफ्तारी के लिए हार्डकोर नक्सली ने पुलिस की पूछताछ के दौरान संगठन के बारे में कई अहम जानकारियां दी है.