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प्रखंड तकनीकी प्रबंधक की कुर्सी फेंकी

औरंगाबाद न्यूज : कृषि को-ऑर्डिनेटर ने कार्यालय पहुंचकर की गाली-गलौज व दी धमकी

औरंगाबाद न्यूज : कृषि को-ऑर्डिनेटर ने कार्यालय पहुंचकर की गाली-गलौज व दी धमकी

औरंगाबाद/हसपुरा.

हसपुरा प्रखंड कृषि कार्यालय में कर्मियों के बीच स्थानीय और बाहरी की लड़ाई तूल पकड़ रही है. ब्रजेश कुमार नामक कृषि को-ऑर्डिनेटर की ओर से एक कर्मी के साथ दुर्व्यवहार किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. आरोप लगा है कि कृषि समन्वयक की ओर से प्रखंड तकनीकी प्रबंधक कुंदन कुमार को गाली-गलौज करते हुए न सिर्फ जान मारने की धमकी दी गयी है, बल्कि उनके कार्यालय कक्ष में रखी कुर्सी को उठाकर बाहर फेंक दिया. हाथापाई की भी चर्चा है. प्रखंड तकनीकी प्रबंधक ने इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी है. उन्होंने कृषि को-ऑर्डिनेटर की हरकत से तंग आकर हसपुरा थाने में भी लिखित आवेदन भी दिया है. बीटीएम ने पुलिस को बताया है कि जब वह आत्मा प्रखंड कार्यालय हसपुरा पहुंचे, तो देखा कि बिना कोई सरकारी आदेश के कृषि को-ऑर्डिनेटर की ओर से उक्त कार्यालय को कब्जा कर लिया गया है. इस संबंध में जब कृषि को-ऑर्डिनेटर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वरीय अधिकारियों की ओर से उन्हें मौखिक आदेश मिला था. इसके बाद से उक्त कार्यालय में बैठते हैं. हालांकि, उनके द्वारा कोई साक्ष्य नहीं दिखाया गया. साप्ताहिक बैठक के दौरान इसकी जानकारी संबंधित प्रखंड के बीएओ जनेश्वर चौधरी को दी गयी. उन्होंने को-ऑर्डिनेटर को कार्यालय छोड़ने तथा कुर्सी-टेबल वापस करने का मौखिक निर्देश दिया. इसके बाद प्रखंड तकनीकी प्रबंधक अपने कार्यालय में काबिज हो गये. इसकी सूचना मिलते ही कृषि को-ऑर्डिनेटर ब्रजेश कुमार अपने एक अन्य असामाजिक तत्व के साथ वहां पहुंचे तथा गाली-गलौज करते हुए कुर्सी-टेबल बाहर फेंक दिया तथा जान मारने की धमकी दी. इस दौरान बीएओ और एटीएम अवनीश कुमार वहां मौजूद थे. बीएओ से पूछने पर कृषि को-ऑर्डिनेटर को दोषी ठहराया है.

क्या कहते हैं थानेदार

इधर, थानाध्यक्ष नरोत्तम कुमार ने बताया कि प्राप्त आवेदन के आलोक में मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है. दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. प्रखंड तकनीकी प्रबंधक ने डीइओ व बीडीओ को भी आवेदन समर्पित किया है. इधर, कई समाजसेवियों ने बताया कि अगर जिला कृषि कार्यालय से मामले का समाधान नहीं होता है, तो इसकी शिकायत बिहार सरकार के कृषि मंत्री और सचिव से मिलकर की जायेगी. जिस कृषि समन्वयक पर आरोप लगा है, उससे पक्ष जानने का प्रयास किया गया. पर, संपर्क नहीं हो सका है.

त्रिस्तरीय जांच टीम का गठन

मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला कृषि पदाधिकारी राम ईश्वर प्रसाद एक्शन के मूड में हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सरकारी सेवक के साथ अमर्यादित व्यवहार करना कानूनन अपराध है. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करायी जायेगी तथा दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए तीन सदस्य जांच टीम गठित की गयी है. टीम में एपीडी शालिग्राम सिंह, हसपुरा के प्रखंड कृषि पदाधिकारी जनेश्वर चौधरी तथा नोडल पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार शामिल हैं.

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