औरंगाबाद कार्यालय. व्यवहार न्यायालय में दो वृद्ध अभियुक्तों को सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. एडीजे दो धनंजय कुमार मिश्रा ने दाउदनगर थाना कांड संख्या -112/97, एसटीआर -139/99 में सजा की बिंदू पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त एवं दाउदनगर प्रखंड के अरई टोले रघुवंशी बिगहा निवासी नवही उर्फ राजेंद्र यादव और तरारी टोला मुस्लिमाबाद निवासी दुधेश्वर महतो (दोनों की उम्र 70 वर्ष ) को सजा सुनायी है. एपीपी नागेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि अभियुक्तों को चार अप्रैल 24 को भादंवि की धारा-399/402 में दोषी करार देते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया था. सजा की बिंदू पर सुनवाई करते हुए अभियुक्तों को भादंवि की धारा 399 में पांच साल सश्रम कारावास की सजा, दस हजार जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास होगी. वहीं भादंवि की धारा 402 में पांच साल सश्रम कारावास और दस हजार जुर्माना, जूर्माना न देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास होगी. दोनों सजाएं साथ -साथ चलेंगी. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक व दाउदनगर के तत्कालीन थानाध्यक्ष अखिलेश्वर चौबे ने नौ अगस्त 1997 को अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी. गुप्त सूचना मिली थी कि नवही यादव के घर कुछ अभियुक्त किसी अपराध की योजना बना रहे हैं. एक गश्ति टीम बनाकर नवही यादव के घर का दरवाजे खुलवाया तो छह आदमी घर से निकलकर भागने लगे. पीछा करने पर नवही यादव, दुधेश्वर महतो, महबूब आलम पकड़े गये और तलाशी में उनके पास से अवैध हथियार बरामद किया गया. साथ ही आरोपितों ने एक रात पहले एक घटना में संलिप्तता स्वीकार करते हुए बताया कि वे एक दुकान में चोरी की फिराक में थे. अभियुक्तों पर 13 जुलाई 1997 को आरोप गठन किया गया था. यानी 27 साल पुरानी वाद में फैसला आया है.
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