औरंगाबाद शहर. शहर में जलसंकट कायम है. पेयजल की किल्लत से लोग परेशान हैं. नगर पर्षद द्वारा उपलब्ध कराये गये टैंकर नाकाफी साबित हो रहे हैं. हालांकि, जिन मुहल्लों में नल जल योजना के तहत पानी की आपूर्ति करायी जा रही है, वहां कुछ राहत है. इसके बावजूद शहर के कई ऐसे इलाके हैं, जहां जल संकट गहरा गया है और लोग खासा परेशान हैं. शहर के न्यू एरिया, श्रीकृष्ण नगर ब्रह्मर्षि चौक, क्लब रोड, सत्येंद्र नगर, नावाडीह, अली नगर, अजमेर नगर, चित्रगुप्त नगर, कर्मा रोड, विराटपुर सहित अन्य मुहल्लों में यही हालात हैं. न्यू एरिया वार्ड नंबर 11 में गर्ल्स हाइ स्कूल के आसपास के इलाके में पेयजल की समस्या है. यहां दो दर्जन से अधिक घरों में नल जल योजना के तहत कनेक्शन तो दिया गया है, लेकिन तीन वर्ष बीत जाने के बावजूद पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है. इससे आक्रोशित दर्जनों मुहल्लेवासी कलेक्ट्रेट परिसर स्थित बुडको कार्यालय पहुंचे और रोष जताया. अधिवक्ता नीरज कुमार सिंह, अभिषेक प्रताप सिंह, रवि कुमार सिंह, हरे कृष्ण, रामजन्म यादव, सचिन कुमार, राहुल कुमार, छोटू कुमार, संतोष गुप्ता, मुकेश कुमार, नवीन कुमार, इंदल कुमार, सत्येंद्र कुमार सिंह, लालदेव यादव व संतोष कुमार सहित अन्य ने अपनी समस्याओं को लेकर आवेदन भी बुडको के अधिकारियों को सौंपा. इन लोगों का कहना था कि तीन वर्षों से इनके घरों में नल जल योजना का कलेक्शन लगा हुआ है. लेकिन जलापूर्ति शुरू नहीं हुई है. जबकि मवेशी अस्पताल तक पानी की आपूर्ति हो रही है. बगल में ही वार्ड 10 है, जहां पानी की आपूर्ति निर्बाध तरीके से हो रही है. हम सभी के घरों में भी बाजार पानी टंकी से जलापूर्ति करायी जाये. ताकि पानी के संकट से हमसभी को निजात मिल सके. लोगों ने कहा कि यदि शीघ्र ही हम सभी की समस्याओं का निदान नहीं होता है तो आंदोलन किया जायेगा. पानी के लिए रात-रातभर जाग रहे लोग जल संकट इतना गहरा हो गया है कि लोग इसके लिए रात-रातभर जाग रहे हैं. आधी रात को लोग आसपास या पड़ोस तथा किसी तरह पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. जल संकट से लोग इस कदर जूझ रहे हैं कि कई परिवार शहर से पलायन कर गये हैं. किसी-किसी घरों में लोग मिन्नत कर अपनी व्यवस्था से दूर पहचान वाले के घर से पाइप के जरिये पानी ले रहे हैं. शहर के वार्डों में बोरिंग कर टंकी लगायी गयी, जिससे कुछ राहत भी लोगों को मिली. लेकिन, कई मुहल्लों में कहीं सबमर्सिबल जल गया है तो कहीं बोरिंग ही भर गया है, जिससे लोगों की परेशानी खत्म नहीं हुई.
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