Bihar News: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ-साथ सिख, जैन और बौद्ध समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ औरंगाबाद में गुस्सा देखने को मिला. मंगलवार को राष्ट्रीय भारतीय समाज औरंगाबाद के तत्वावधान में सैकड़ों लोगों ने शहर में प्रदर्शन कर भारत सरकार का ध्यान इस ओर खींचा. हालांकि, प्रदर्शन में कोई शोर नहीं था. तख्तियों के जरिए विरोध जताया जा रहा था. तख्तियों पर हिंदुओं का नरसंहार- मानवता पर हमला, बांग्लादेश में नरसंहार बंद करो, अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे, संयुक्त राष्ट्र आगे आओ आदि नारे लिखे हुए थे.
प्रदार्शन में शामिल थे कई संगठन
इस विरोध प्रदर्शन में इस्कॉन के अनुयायी भी शामिल थे. उन्होंने ब्लॉक मोड़ के पास धरना देकर अपनी आवाज बुलंद की. इस कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, गौ रक्षा दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, संस्कार भारती समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े समाजसेवी, बुद्धिजीवी, शिक्षाविद आदि शामिल हुए. सभी लोगों ने एक-एक कर धरने के माध्यम से अपनी बातों को सामने रखा.
बांग्लादेश में अशांति
विरोध प्रदर्शन में शामिल वक्ताओं ने कहा कि पिछले कई महीनों से भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में अशांति फैली हुई है. छात्र आंदोलन के नाम पर शेख हसीना की सरकार को हटा दिया गया. तब से आंदोलन की आड़ में हिंदुओं और हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं. हिंदुओं की संपत्ति लूटी जा रही है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं. अत्याचारों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में हमले और भी तेज हो गए हैं. हिंदू समाज संकट में है.
बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने की मांग
वक्ताओं ने कहा कि धरना प्रदर्शन के माध्यम से भारत सरकार से मांग की जा रही है कि वह बांग्लादेश की कार्यवाहक यूनुस सरकार पर दबाव बनाए. भारत सरकार इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया, ताकि बांग्लादेश का हिंदू समुदाय सुरक्षित व शांतिपूर्ण जीवन जी सके.
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