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दूसरे चरण में बहाल तीन शिक्षकों से शोकॉज, हो सकते हैं सेवामुक्त

जिले में अब तक 29 फर्जी शिक्षकों की चली गयी नौकरी, दर्जनों पर लटक रही तलवार

औरंगाबाद शहर. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा दो चरणों की शिक्षक नियुक्ति में लगातार फर्जीवारा उजागर हो रहा है. शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच में गड़बड़ियां उजागर हो रही है. इसपर कार्रवाई का दौर भी जारी है. इसी कड़ी में टीआरइ 2.0 में नियुक्त तीन शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है. इन तीनों की नौकरी भी संकट में है. शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच हुई तो विषय विसंगति का मामला सामने आया. इसे गंभीरता से लेते जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दयाशंकर सिंह द्वारा उक्त तीनों शिक्षकों से स्पष्टीकरण करते हुए तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है. ये तीनों शिक्षक जिले के अलग-अलग विद्यालयों में कार्यरत हैं, जिसमें कुटुंबा प्रखंड के चौखड़ा अपग्रेड हाइ स्कूल के शिक्षक रवि चंद्रा, देव प्रखंड के राजकुमार हाई स्कूल बेढ़ना के राजेश कुमार और मदनपुर के चेई नवादा स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका किरण कुमारी शामिल है. स्पष्टीकरण में पूछा गया है कि क्यों न इनसभी के अभ्यर्थित्व को निरस्त करते हुए औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द किया जाये तथा नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये. समय सीमा के अंदर जवाब देने को कहा गया है. अन्यथा अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. विषय विसंगति का है मामला टीआरइ 2.0 में चयनित इन शिक्षकों ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसा दिये जाने के बाद अलग-अलग विद्यालयों में योगदान दिया था. इसके बाद विभाग के निर्देश पर शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच शुरू की गयी, जिसमें इन शिक्षकों को अयोग्य पाया गया. चौखड़ा अपग्रेड हाइ स्कूल में कार्यरत रवि चंद्रा नृत्य विषय के शिक्षक हैं, लेकिन शिक्षक पात्रता परीक्षा संगीत विषय से उत्तीर्ण हैं. जबकि एसटेट नृत्य विषय से होना चाहिए. देव के बेढ़ना राजकुमार हाइ स्कूल के शिक्षक राजेश कुमार और मदनपुर के चेई नवादा उच्च माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका किरण कुमारी हिंदी विषय के शिक्षक व शिक्षिका हैं. इनकी अभ्युक्ति में कहा गया है कि स्नातक स्तर पर हिंदी विषय प्रतिष्ठा अथवा आनुषांगिक विषय के रूप में पठित नहीं हैं. इस स्थिति में विज्ञापित पद के लिए आवश्यक अहर्ता धारण करने करने के बावजूद आवेदन में गलत सूचना दी गयी और विभाग को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया गया. 29 की गयी नौकरी, 40 से अधिक जांच के घेरे में आवेदन में गलत जानकारी देकर बहाल हुए शिक्षक-शिक्षिका जांच में लगातार पकड़े जा रहे हैं. शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच में अयोग्य पाये जाने पर कार्रवाई की जा रही है. जिले में अब तक 29 फर्जी शिक्षकों के औपबंधिक नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया गया है. जबकि 40 से अधिक शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा गया है. इनसभी की नौकरी जाना भी तय माना जा रहा है. इधर, सूत्रों की मानें तो अभी भी गलत तरीके से नियुक्त कई शिक्षक-शिक्षिका संबंधित विद्यालय में सेवा दे रहे हैं. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे ये पकड़ में आयेंगे.

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