बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश और पूजा पर 20 अक्टूबर को पाबंदी रहेगी. यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 अक्टूबर को भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना करेंगी, जिसे लेकर तैयारी जारी है. राष्ट्रपति की सुरक्षा को देखते हुए गया जिला प्रशासन ने शुक्रवार की सुबह 8:45 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक मंदिर परिसर में आम श्रद्धालुओं की इंट्री पर रोक लगाने की सूचना जारी कर आम लोगों से मंदिर नहीं आने की अपील की है. राष्ट्रपति के साथ बिहार के राज्यपाल भी गया आयेंगे. राष्ट्रपति इस दौरान गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के दीक्षांत समारोह में शामिल होकर छात्र-छात्राओं को सम्मानित करेंगी.
भगवान बुद्ध की करेंगी पूजा
तीन दिवसीय बिहार दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति पटना से गया एयरपोर्ट पहुंचेंगी व उसके बाद महाबोधि मंदिर जायेंगी. यहां मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना करने के बाद वो बोधिवृक्ष की परिक्रमा करते हुए उसके दर्शन-नमन करेंगी इसके बाद मंदिर से वापस लौट जायेंगी. इस दौरान मंदिर प्रबंधन की ओर से राष्ट्रपति को महाबोधि मंदिर की प्रतिकृति भेंट की जायेगी. इसके साथ ही राष्ट्रपति को पवित्रता, सच्चाई, अच्छाई, शुद्धता और भक्ति के प्रतीक के रूप में मशहूर स्कार्फ भेंट किया जाएगा. इस स्कार्फ का उपयोग मुख्य रूप से तिब्बत और मंगोलिया के लोगों द्वारा किया जाता है.
गया से चार बजे दिल्ली के रवाना हो जाएंगी राष्ट्रपति
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर बोधगया में प्रशासनिक स्तर पर मुकम्मल तैयारी की जा रही है. महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रपति सीयूएसबी में आयोजित दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी. दोपहर बाद करीब चार बजे राष्ट्रपति गया एयरपोर्ट के रास्ते दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जायेंगी.
तीन दिवसीय दौर पर बिहार आई हैं राष्ट्रपति
वहीं इससे पहले राष्ट्रपति बुधवार को पटना के बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई. इसके बाद पटना साहिब गुरुद्वारा जाकर उन्होंने मत्था टेका फिर संध्याकाल में राजभवन में आयोजित भोज में भी उन्होंने हिस्सा लिया. इसके बाद गुरुवार को राष्ट्रपति मोतीहारी में स्थित महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह व अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुई.
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यूनेस्को ने 2002 में महाबोधि मंदिर को घोषित किया विश्व धरोहर स्थल
बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर को वर्ष 2002 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल किया गया था. महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है, जो बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति (बोधि) का स्थल है. भगवान बुद्ध ने इसी पवित्र भूमि पर छठी शताब्दी में मानव पीड़ा के कारणों की खोज की और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया था. बोधि वृक्ष के नीचे बुद्ध के पौराणिक आध्यात्मिक ज्ञान स्थली पर महाबोधि मंदिर है. महाबोधि मंदिर दुनिया का सबसे पवित्र बौद्ध तीर्थस्थल है. मंदिर के गर्भगृह में बुद्ध की स्वर्ण प्रतिमा है. यह प्रतिमा पाल राजाओं द्वारा बनाई गई काले पत्थर की प्रतिमा है. यहां भगवान बुद्ध भूमिपुत्र मुद्रा में बैठे हुए दिखाई देते हैं. यह पवित्र स्थल दुनिया भर से बौद्ध तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है.
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राष्ट्रपति के महाबोधि मंदिर आगमन को लेकर एडीजी ने की सुरक्षा की समीक्षा
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर बीएमपी के एडीजी रवींद्रन शंकरण ने मंदिर की सुरक्षा की समीक्षा की. महाबोधि मंदिर की सुरक्षा फिलहाल बीएमपी के जिम्मे है. एडीजी ने संबंधित पदाधिकारियों से सुरक्षा को लेकर वर्तमान में की गयी व्यवस्था की जानकारी ली व समीक्षा के बाद उन्हें राष्ट्रपति के आगमन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों व सतर्कता के संदर्भ में निर्देश दिये. इस संबंध में मौजूद रहे एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि राष्ट्रपति के मंदिर परिभ्रमण व दर्शन-पूजा को लेकर सुरक्षा की समीक्षा की गयी व जरूरी निर्देश दिये गये. इस दौरान मंदिर के केयर टेकर भिक्खु दीनानंद से भी स्वागत आदि को लेकर विमर्श किया गया.