कटोरिया. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के अंतिम सप्ताह में भी भोलेनाथ के भक्तों का कारवां पूरे जोश, जुनून, उमंग व उत्साह के साथ बाबा नगरी की ओर अग्रसर है. भले ही सावन पूर्णिमा में महज पांच दिन ही शेष हैं, लेकिन अब भी श्रावणी मेला परवान पर ही है. जबकि अन्य वर्षों में अंतिम सप्ताह में मेला ढलान पर हो जाता था. देश के कोने-कोने से पहुंचे भक्त अपने कांवर को एक से बढ़कर एक आकर्षक ढंग से सजावट कर बाबा दरबार रवाना हो रहे हैं. सुल्तानगंज से बाबाधाम की डगर पर चाहे जंगली इलाका हो या पहाड़ी, सड़क किनारे से जुड़ा पथ हो या फिर नदी तट से होकर गुजरा पथ, संपूर्ण कांवरिया पथ का चप्पा-चप्पा केसरियामय बना हुआ है. विभिन्न जगहों पर कांवरियों की सेवा में दिन-रात जुटे नि:शुल्क सेवा शिविरों व प्राइवेट धर्मशालाओं में भी कांवरियों को घर जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ नाश्ता व भोजन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक स्तर पर भी कांवरियों की सुविधा व सुरक्षा को लेकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ सभी कर्मी व सुरक्षा जवान मुस्तैदी के साथ भ्रमणशील रहकर कांवरियों के कष्ट को दूर करने एवं हर जरूरत मुहैया कराने को लेकर प्रयत्नशील हैं. कांवरिया मार्ग पर बने सभी सरकारी धर्मशालाओं, कैफेटेरिया, रैन शेल्टरों आदि में भी विश्राम करने वाले श्रद्धालुओं को ठहराव के अलावा पेयजल, शौचालय, स्नानागार, बिजली, प्राथमिक स्वास्थ्य आदि की सेवा उपलब्ध करायी जा रही है.
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