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संतों के शरण में जाने से ही मानव का कल्याण है संभव : स्वामी वेदानंद

बड़े भाग्य से यह मनुष्य शरीर मिलता है. सत्संग का सुख स्वर्ग के सुख से बढकर है.

-जखाजोर में संतमत सत्संग का दो दिवसीय विशेष अधिवेशन शुरू कटोरिया. मायारूपी मकड़जाल से मुक्त होकर संतों के शरण में जाने से ही मानव का कल्याण होगा. आज लोग सत्संग व अध्यात्म से विमुख हो रहे हैं. लोग सत्संग में आने से कतराते हैं. संतों के संगति से दूर भागते हैं. ऐसे भटके हुए लोगों को परमात्मा कभी नहीं मिल सकते. शांति को जो प्राप्त कर लेते हैं, वही संत कहलाते हैं. उक्त बातें स्वामी वेदानंद जी महाराज ने गुरुवार को कटोरिया प्रखंड के बड़वासनी पंचायत अंतर्गत जाखाजोर गांव स्थित महर्षि मेंहीं हृदय धाम में आयोजित बांका जिला संतमत सत्संग के विराट विशेष अधिवेशन के प्रथम दिन प्रवचन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि बड़े भाग्य से यह मनुष्य शरीर मिलता है. सत्संग का सुख स्वर्ग के सुख से बढकर है. परमात्मा की कृपा होती है, तभी सत्संग मिलता है. वहीं स्वामी गोपालानंद जी महाराज ने कहा कि स्थिरता व निश्चलता को शांति कहते हैंं, जो शांति को प्राप्त कर लेते हैं, वही संत कहलाते हैं. सत्संग परमात्मा का निज अंग है. हमें सदा सदाचार, शिष्टाचार का पालन करते हुए अंतर साधना में लीन रहना चाहिए. विशेष अधिवेशन के शुभारंभ से पहले बांका व कटोरिया प्रखंड के बॉर्डर पर स्थित बिंडी गांव से जाखाजोर गांव तक बाइक द्वारा भव्य शोभायात्रा निकाली गयी. कार्यक्रम में सुबह छह बजे से 11 बजे तक एवं दोपहर बाद दो बजे स्तुति, विनती, ग्रन्थ पाठ, प्रवचन, भजन एवं आरती की जा रही है. श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का भी वितरण किया जा रहा है. इस मौके पर बीरबल यादव, भोला यादव, कैलाश, गणेश यादव, त्रिपुरारी यादव, बलराम यादव, दिलीप कुमार यादव सहित अन्य मौजूद थे.

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