दीपक चौधरी, कटोरिया: श्रावणी मेला 2024 में सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर बाबाधाम देवघर जा रहे एक और कांवड़िया की मौत हुई है. कटोरिया देवघर मुख्य मार्ग पर इनारावरण स्थित भूतनाथ धर्मशाला में रात्रि विश्राम के दौरान भागलपुर जिला के एक कांवरिया की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मृत कांवड़िया की पहचान भागलपुर जिला के गोपालपुर थाना अंतर्गत अभिया गांव निवासी स्व जीतन मंडल के 60 वर्षीय पुत्र उपेंद्र मंडल के रूप में हुई है.
रात्रि विश्राम के दौरान हर्ट अटैक से गयी जान
मृतक के साथी कांवड़िया बिंदेश्वरी मंडल ने बताया की भूतनाथ धर्मशाला में रात्रि विश्राम के दौरान करीब दो बजे कांवड़िया उपेंद्र मंडल को सीना में तेज दर्द की शिकायत हुई. धर्मशाला स्थित स्वास्थ्य केंद्र में फौरन उनकी जांच करायी गयी. लेकिन जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. मृत कांवड़िया को रेफरल अस्पताल कटोरिया भी लाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मौत की पुष्टि कर दी. घटना की सूचना के बाद मृत कांवड़िया के परिजन भी कटोरिया पहुंचे. उनका रो-रोकर बुरा हाल है.
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पहले भी हर्ट अटैक से गयी कांवड़िए की जान
बता दें कि पूर्व में भी हर्ट अटैक से कांवड़िया की मौत की घटना सामने आ चुकी है. कुछ दिनों पहले ही सुइया थाना अंतर्गत अबरखा स्थित दलसिंहसराय धर्मशाला के पास मुंगेर निवासी एक 65 वर्षीय कांवड़िया की मौत हुई थी. हर्ट अटैक से ही उक्त कांवड़िया की जान रास्ते में ही चली गयी थी. मृतक की पहचान सुमन झा के रूप में हुई थी जो अपने बेटे के साथ कांवड़ लेकर देवघर निकले थे.
कांवड़ियों का हाथ-पैर टूटा
इधर, श्रावणी मेला में कांवर लेकर बाबाधाम जाने के दौरान अबरखा के निकट चलते-चलते गिर जाने से एक महिला कांवरिया के हाथ की हड्डी टूट गयी. जख्मी कांवरिया उषा देवी ग्राम बलिया का रेफरल अस्पताल में उपचार हुआ. फिर उसे बेहतर इलाज को लेकर देवघर रेफर कर दिया गया.जबकि सुल्तानगंज में श्रावणी मेला के दौरान अज्ञात वाहन के धक्का से एक कांवरिया गंभीर रूप से जख्मी हो गया. हादसे में कांवड़िया का पैर फ्रैक्चर हो गया. उक्त कांवड़िया को भागलपुर रेफर किया गया.
अबतक अलग-अलग हादसों में कई कांवड़ियों की जा चुकी है जान…
गौरतलब है कि अलग-अलग हादसों में कई कांवड़ियों की जान अबतक कांवड़िया पथ पर जा चुकी है. किसी शिवभक्त की मौत करंट लगने से हो गयी तो कोई दिल का दौरा पड़ने से अपनी जान गंवा चुके हैं. सड़क हादसों की चपेट में भी आकर कई श्रद्धालु चोटिल हो चुके हैं. वहीं एक कांवड़िया की कुछ दिनों पहले हत्या हो चुकी है.