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बेगुसराय: कम बारिश होने के कारण खेती पर मंडरा रहा संकट, परेशान हो रहे किसान

इस वर्ष भी जिले में दोनों स्थिति बनती दिखने लगी है. एक ओर जहां जिले में मॉनसून एक माह लेट से आया है. वहीं आशा के अनुरूप बारिश नहीं हो पाई है. वहीं दक्षिणी क्षेत्र में गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि से बाढ़ की आहट हो गयी है. इस स्थिति से किसान परेशान है.

बेगूसराय: जिले में मॉनसून प्रवेश के बावजूद आशानुरूप वर्षा नहीं होने से किसान काफी परेशान है. जैसे ही बादल उमड़ घुमड़ करती है. किसानों के चेहरे खिल उठते हैं. परंतु यह खुशी बहुत ही क्षणिक रह जाती है. अच्छी बारिश नहीं होने के कारण किसान से लेकर आमलोग तक सभी परेशान हैं. लोगों को उमस भरी गरमी का सामना करना पड़ रहा है. बेगूसराय जिले की जो भौगोलिक स्थिति है. उस स्थिति के कारण किसानों को दो-तीन वर्षों से लगातार सूखा और बाढ़ दोनों झेलना पड़ रहा है. जिले का दक्षिणी भाग जो गंगा का तटीय इलाका है उस इलाके में हर वर्ष किसानों को बाढ़ का सामना करना पड़ जाता है. जिससे फसल बरबाद हो जाती है. वहीं उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी भाग कम बारिश होने अथवा समय पर बारिश नहीं होने के कारण सूखा के चपेट में आ जाता है. इस वर्ष भी जिला में दोनों स्थिति बनती दिखने लगी है. एक ओर जहां जिले में मॉनसून का आगमन एक महीने देर से हुआ है. वहीं बारिश भी आशा के अनुरूप नहीं हो पाई है. वहीं दक्षिणी क्षेत्र में गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि से बाढ़ की आहट हो गयी है. इस स्थिति से किसान परेशान है.

मात्र 424 हेक्टेयर में ही धान की हो पायी है रोपनी

जिले में खरीफ की खेती का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा लगभग एक लाख हेक्टेयर का है. मॉनसून में विलंब से औसतन आधे खेतों में अभी तक रोपनी नहीं हो सकी है. किसान खेत की जोताई कर बारिश का इंतजार कर रहें हैं. जिले में सबसे अधिक मक्का की खेती होती है. इस वर्ष मक्का का 54912 हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य रखा गया है. परंतु मॉनसून में विलंब और कम बारिश होने से अभी भी लगभग 20 हजार हेक्टेयर खेतो में मकई की बोआई नहीं हो पायी है. मात्र 65% भूमि पर ही मक्का का अच्छादन संभव हो पाया है. वही धान की खेती का लक्ष्य 10611 हेक्टेयर है. विभागीय दावा है कि बिचड़ी सौ प्रतिशत हो गयी है. परंतु रोपनी मात्र 424 हेक्टेयर में ही अभी तक संभव हो पायी है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मक्का सोयाबीन और दलहन के लिये तो अनुकूल मौसम है. परंतु धान के उत्पादन पर मौसम के कारण प्रभाव पड़ सकता है.

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जिले में औसतन मात्र 58 एमएम हुई बारिश

किसानों का कहना है कि जितनी बारिश इस माह तक हो जानी चाहिये थी उस हिसाब से आधी भी नहीं हो पायी है. जबकि विभागीय दावा है कि जिले में इस माह के वर्षा अनुपात 64 एमएम के विरुद्ध 58 एमएम ही बारिश हो पायी है. वर्षा बहुत कम होने के कारण किसानों को सुखाड़ का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि ऐसी स्थिति से हर फसल के उत्पादन पर असर पड़ेगा.

हेक्टेयर में फसल रोपनी की स्थिति

फसल – लक्ष्य – रोपनी

धान – 10611 – 424

मक्का – 54912 -35692

सोयाबिन – 15772 – 473

अरहर – 311 – 200

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उत्पादन का आकलन अभी संभव नहीं

बेगूसराय जिला कृषि पदाधिकारी डॉ राजेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि उत्पादन का आकलन पर अभी कुछ कहना संभव नहीं है. जिले में मौसम का प्रभाव मक्का सहित अन्य फसलों पर नहीं पड़ेगा. किंतु धान के फसल पर मौसम का आंशिक प्रभाव पड़ सकता है.

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