बेगूसराय.
महान लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर जिलावासी बेहद दुखी हैं. वहीं भाकपा नेताओं ने गहरी शोक प्रकट किया है. पूर्व सांसद सह बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, भाकपा जिला सचिव अवधेश कुमार राय, एआइएसएफ राष्ट्रीय सचिव अमीन हमजा, जिलाध्यक्ष अमरेश कुमार सहित ने बताया कि सुपौल जिले की बेटी शारदा सिन्हा की शादी बेगूसराय जिले के सिहमा में हुई. जिन्होंने लोक गायिका के रूप में जिले का मान राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया. उनके कई लोकप्रिय गीतों में शुमार छठ महापर्व पर अधारित गीतों को युगों-युगों तक याद किये जायेंगे. वहीं, जनवादी लेखक संघ के राज्य सचिव कुमार विनीताभ ने बिहार कोकिला सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन बिहार के लोक-गायन के लिए अपूरणीय क्षति है. वह बिहार की लोक संस्कृति की संवाहिका थीं. भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री नवीन कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा जी का यूं जाना हम सबों के लिए तथा संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. बेगूसराय की बहू होने के कारण उनसे गहरा लगाव और स्नेह था. छठ गीतों को गाकर को मशहूर हुई और छठ के प्रथम दिन उनका जाना के इस महापर्व से बेहद लगाव को दिखाता है. उनकी सुमधुर गीतों की गूंज हम सबों के बीच सदैव जीवंत रहेगी. बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि देते हुए भाजपा के जिला प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी शुभम कुमार ने कहा कि बिहार की शान, हमारी लोकगायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर से मन व्यथित है. लोक गायिका स्वर कोकिला शारदा सिन्हा की देहांत होने की खबर ने जिले के हर तबकों मर्माहत कर दिया. पूरे जिला वासियों में शोक का माहौल है. जिले के सैकड़ों गणमान्य लोग शारदा सिन्हा की आत्मा की शांति हेतु शोक संवेदना और श्रद्धांजलि अर्पित कर रहें हैं. बेगूसराय नगर महापौर पिंकी देवी ने बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि छठ महापर्व एवं उनके गीत एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं. उन्होंने कहा कि उनका निधन उनके परिवार के लिए ही बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूर्णीय क्षति है. जिन्होंने ने अपनी लोक गीतों से न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बनायी थी.डंडारी संवाददाता के अनुसार
संगीत की देवी और बिहार की स्वर कोकिला के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली पद्मश्री से सम्मानित बेगूसराय की वधु शारदा सिन्हा के छठ पर्व वाले दिन में निधन से जिले ही नहीं पूरे देश में शोक की लहर है. खासकर छठ व्रतियों के बीच भी मातम देखा जा रहा है. केलवा के पात पर उगेलन सूरज भगवान…, अरग के बेर…, कांच ही बांस के बहंगिया.. आदि छठ गीतों सहित भारतीय लोक संगीत से शारदा सिन्हा को अहम पहचान मिली थी. उनकी मधुर व सुरीली आवाज से विशेषकर छठ पूजा के गीतों समेत कई लोक गीतों को जीवंत कर दिया है. जब भी छठ पूजा आती है और शारदा सिन्हा के गीत घर में बजते हैं, तभी हम सबको बिहारी होने का एहसास भी होता है, शारदा सिन्हा की आवाज हम सबके लिए वह आवाज है जिसके बगैर छठ पूजा अधूरा लगता है. शारदा सिन्हा के गीत सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि देशभर में लोकप्रिय रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है