बखरी. बिहार में उमस भरी गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. स्कूलों का नया समय शिक्षकों और छात्रों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बच्चों को सुबह छह बजे स्कूल पहुंचना पड़ रहा है. बच्चे स्कूल जाने से पहले सुबह की भाग-दौड़ में खाना नहीं खाना चाहते. वे खाली पेट स्कूल जाते हैं. स्कूल की छुट्टी के बाद उमस भरी गर्मी और चिलचिलाती धूप में घर लौटना पड़ता है. इस कारण भीषण गर्मी में छात्र बेहोश हो जा रहे हैं. मंगलवार को बखरी प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय अहमदपुर स्कूल में पढ़ने के दौरान छात्र की अचानक तबीयत खराब होने से शिक्षकों व उपस्थित छात्र छात्राओं में हड़कंप मच गया. विद्यालय के एचएम दिलीप कुमार ने बताया कि वर्ग चार के छात्र सुमित कुमार प्रार्थना के बाद क्लास रूम में गया. कुछ समय बाद पढ़ने के दौरान अचानक बेहोश हो कर बेंच पर गिर गया. जिसे विद्यालय में मौजूद शिक्षक क्लास रूम से कार्यालय लाया गया. जहां उसके चेहरे पर पानी का छींटा दिया जा रहा था, लेकिन छात्र की तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था. प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय के शिक्षक द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया. लेकिन छात्र की तबीयत और खराब होने लगी. बताया कि छात्र का पूरा शरीर ठंडा होने लगा था. इसके बाद छात्र के परिजनों को इसकी सूचना दी गयी. इसके बाद परिजनों के सहयोग से छात्र को स्थानीय निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया. चिकित्सक ने छात्र को स्लाइन चढ़ाया एवं कुछ दवा दी.जिसके बाद उसे होश आया. वही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव के आदेश का विरोध शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर स्कूल का समय बदलने की मांग की जा रही है.इधर,बच्चों के परिजनों का कहना है कि 16 मई से शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय के समय सारिणी में किये गये बदलाव से बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.6 बजे स्कूल पहुंचने के लिए अहले सुबह ही बच्चों को उठना पड़ता है. बच्चे सुबह में बिना खाना खाये खाली पेट ही विद्यालय चले जाते हैं.
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