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Begusarai News : कांवर की जमीन का सर्वे वन विभाग के नाम करने के खिलाफ किसानों का धरना

Begusarai News : कांवर पक्षी आश्रयणी क्षेत्र में सर्वे के क्रम में किसानों के अधिकार हटाने के विरोध में कावर किसान महापंचायत के बैनर तले किसानों का विरोध लगातार जारी है.

चेरियाबरियारपुर. कांवर पक्षी आश्रयणी क्षेत्र में सर्वे के क्रम में किसानों के अधिकार हटाने के विरोध में कावर किसान महापंचायत के बैनर तले किसानों का विरोध लगातार जारी है. उक्त क्रम में गुरुवार को चेरियाबरियारपुर प्रखंड कार्यालय पर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी. अध्यक्षता कावर किसान महापंचायत के सदस्य बल्लभ बादशाह ने की. उक्त धरना प्रदर्शन में मंझौल तथा बखरी अनुमंडल के कई गांव से किसान धरना स्थल पर पहुंचे. वहीं धरना सभा को संबोधित करते हुए किसान धनंजय कुमार ने कहा कि चुनाव के समय में वोट लेने के लिए नेता आते हैं. लेकिन बहुत लंबे संघर्ष कर रहे किसानों की पीड़ा आज तक किसी ने सुनने का प्रयास नहीं किया. अब सरकार की इस नई नीति जो किसानों को सीधे मौत के घाट उतारना चाह रही है. इसे अगर बदला नहीं गया, तो कोई भी नेता को इस दोनों अनुमंडल के अंतर्गत प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. हम किसानों की आजीविका ही खेती है. अगर सरकार के द्वारा वह खेत ही छीन लिया जाए. तो हम लोग सीधे मौत के गोद में सोने के लिए तैयार हैं. राजेश कुमार ने कहा कि किसान काफी लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. 2017 में भी विभागीय पदाधिकारी के पहल पर सरकार के द्वारा नियम को बदलते हुए अधिग्रहण की भूमि के क्षेत्रफल को घटाने की बात कही गई थी. जिससे किसानों ने राहत की सांस ली थी. पुनः जारी यह नया फरमान किसानों के लिए सीधा डेट वारंट की तरह कहर ढा रही है. कोई भी अधिकारी तथा पदाधिकारी किसानों की पीड़ा सुनने को तैयार नहीं है. अगर ऐसा ही चलता रहा, तो किसान उग्र आंदोलन को भी आतुर होंगे. जिसकी पूर्ण जबाबदेही सरकार के साथ-साथ अधिकारी एवं पदाधिकारी की होगी. विदित हो कि वर्ष 2013 में कावर क्षेत्र के जमीन के खरीद बिक्री पर लगे प्रतिबंध के बाद आंदोलन को उतारू हुए किसानों को 2017 में सरकार के द्वारा उनकी मांगों को सुना गया. इसके बाद सरकार कावर क्षेत्र के 3000 एकड़ भूमि को अधिग्रहण करने की बात पर किसान से समन्वय बनाया. जिसके बाद किसानों ने तो राहत की सांस ले ली, लेकिन वर्ष 2024 में नए सर्वे के तहत जारी अधिसूचना ने किसानों को फिर से मर्माहत कर दिया. जिसके बाद अनुमंडल क्षेत्र के किसान विभिन्न गांवों से एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मुखर हैं. वहीं मंच संचालन करते हुए जदयू नेता संजय सिंह ने कहा एमपी और एमएलए जीतकर जाने के बाद क्षेत्र के किसानों की सुधि नहीं ले रहे हैं. किसान सड़क पर आंदोलनरत हैं. जबकि एमपी और एमएलए पटना और दिल्ली में हैं.

किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने बीडीओ को सौंपा मांगपत्र :

धरना प्रदर्शन के उपरांत किसानों का प्रतिनिधि मंडल ने बीडीओ प्रियतम सम्राट से मिलकर अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. उक्त बाबत बीडीओ ने बताया किसानों की एक कमेटी ने अपनी 4 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है. जो नीतिगत मामले इसमें हैं, उससे जिला पदाधिकारी को अवगत कराया जायेगा. उनके स्तर से जो संभव हो सकेगा. उस मामले को निपटारा करने का प्रयास किया जायेगा. किसानों के इस मामले से पूर्व भी जिला पदाधिकारी को अवगत कराया गया है. किसानों के द्वारा दिये गये ज्ञापन के आलोक में फिर से अपने वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया जाएगा. किसानों से भी निवेदन है कि वह अपनी मांगों को रखते हुए शांतिपूर्ण आंदोलन करें. किसी भी प्रकार का उग्र आंदोलन नहीं करें. प्रशासन आपके सहयोग में हमेशा खड़ा है. मौके पर किसान संतोष ईश्वर, पंसस मनोज भारती, पंकज शिशु, जदयू नगर अध्यक्ष पंकज सिंह सहित अन्य सैकड़ों लोग मौजूद थे. वहीं दूसरी ओर जदयू के वरिष्ठ नेता चितरंजन सिंह गुरूवार को जिला पदाधिकारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा एवं इस पर पहल करने की मांग की़

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