बेगूसराय. नगर निगम क्षेत्र के पांच वार्ड गंगा के जल स्तर में हो रहे वृद्धि के कारण बाढ़ प्रभावित हो गये हैं. वार्ड नंबर पांच कमरुद्दीनपुर में बाढ़ का पानी घरों घर-आंगन में प्रवेश कर गया. सड़कें डूब गयी हैं. सुबह जब लोग सोकर उठे तो लोगों के बीच काफी अफरातफरी मच गयी. आंगन में पानी चले आने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. कमरुद्दीनपुर के अधिकांश घर बाढ से प्रभावित हो गये हैं. सुबह सुबह लोगों में हाहाकार मच गया. लोग अपने घर के मवेशी को आंगन से खोलकर बांध और ऊंचे स्थानों पर ले गये हैं. वहीं कुछ लोग बांध पर ही रहने को मजबूर हो गये हैं तो कुछ अपने घरों को छोड़कर अपने सगे संबंधियों के यहां शरण ले रहे हैं. वार्ड नंबर पांच में पीने का पानी का संकट खड़ा हो गया है. घर आंगन में लगे चापाकल डूब गये हैं. बहुत से घरों में जहां एलपीजी गैस का उपयोग न कर जलावनों के सहारे खाना बनता था. वैसे परिवारों के समक्ष भोजन का भी संकट खड़ा हो गया है. लोग जिला प्रशासन की ओर राहत सामग्रियों की आस लगायें हुए हैं. बाढ का प्रभाव वार्ड नंबर छह के मूसन टोला पर भी पड़ गया है. मूसन टोला में भी सभी खेत खलिहान तथा लगभग 100 घर बाढ़ प्रभावित हो गये हैं. वहींं वार्ड नंबर चार का आधा खेत खलिहान वाला क्षेत्र बाढ़ प्रभावित हो चुका है. इस वार्ड के लोगों की दिल की धड़कन बढ़ गयी है कि यदि इसी तरह गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो लोगों वास-आवास पर संकट मंडरा जायेगा. वार्ड नंबर 17 पसपुरा बांध के निकट लगभग दो दर्जन से अधिक घर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी खलिहानों में चले आने से पालतू जानवर के चारा तथा रखरखाव का भी संकट गहरा गया है. वार्ड नंबर 18 लवहरचक मध्य विधालय के पास वाला मोहल्ले में भी घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लगभग 200 घर बाढ़ से प्रभावित हो गये है. साथ ही वार्ड नंबर 18 के महादलित मोहल्ले में बाढ़ का पानी घुस गया है. गंगा का जलस्तर यदि इसी रफ्तार से बढ़ता गया तो इन क्षेत्रों की स्थिति और भी बद्तर बन सकती है.
बाढ़ राहत सामग्री उपलब्ध कराने की उठ रही मांग :
बाढ़ से पांचों वार्ड का जनजीवन अस्त-व्यस्त व्यस्त हो गया है.वार्ड नंबर पांच कमरुद्दीनपुर और वार्ड नंबर छह में बाढ़ का बहुत ज्यादा प्रभाव है वार्ड नंबर पांच के पार्षद सुरेश यादव तथा वार्ड छह के पूर्व पार्षद समाजसेवी रामसागर चौधरी ने इन क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खुले में वर्षा से बचाव के लिए प्लास्टिक त्रिपाल, पोलीथीन,जानवर के लिए चारा,खाना तैयार करने में असमर्थ लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने की मांग किया हैं.वहीं सुरेश यादव ने पेयजल संकट दूर करने के लिए गुप्ता बांध से उत्तर तरफ जहां बाढ़ पीड़ित शरण लिया हैं.वैसे स्थानों पर कम से कम पांच चापाकल गड़वाने की मांग किया है.जिससे कि लोगों को भोजन तैयार करने और पेयजल का संकट दूर हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है