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जयमंगला माता मंदिर से दानपेटी में रखे लाखों रुपये की चोरी

अनुमंडल क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध जयमंगला माता मंदिर से अज्ञात चोरों के द्वारा शनिवार की रात दान पेटी चोरी कर लेने का मामला प्रकाश में आया है.

मंझौल. अनुमंडल क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध जयमंगला माता मंदिर से अज्ञात चोरों के द्वारा शनिवार की रात दान पेटी चोरी कर लेने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार मंदिर प्रशासन रविवार की सुबह जब मंदिर पहुंची. तो दान पेटी चोरी हो जाने की बात सामने आयी. वहीं चोरी के घटना की सूचना मंदिर परिसर स्थित पुलिस पिकेट को दी गयी. पुलिस विकेट ने इसकी सूचना मंझौल थाना को दी. सूचना पाकर मंझौल थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की छानवीन में जुट गयी. मंदिर के पुजारियों द्वारा बताया गया कि प्रतिदिन की भांति शाम को पूजा के बाद लगभग 7 बजे घर चले गए. रविवार की सुबह जब पहुंचे तो देखा कि मंदिर के मुख्य गेट का ताला टूटा हुआ है. मंदिर खोलने के बाद अंदर प्रवेश किया तो दान पेटी गायब मिला. दान पेटी मंदिर से लगभग 100 मीटर दूरी पर जंगल में रखा हुआ था. दान पेटी का ताला भी टूटा हुआ पाया गया और उससे सारी दान राशि गायब थी. बताया गया कि दान पेटी में लाखों रुपये हो सकते हैं. विदित हो कि लगभग छह महीने पहले भी मंदिर परिसर स्थित हनुमान मंदिर में रखे हुए दान पात्र से भी चोरों ने दान राशि गायब कर दी थी एवं लगभग पांच साल पहले मंदिर में लगा अष्टधातु का गुंबद एवं माता के आगे लगा ग्रील भी चोरो के द्वारा गायब कर दिया गया था. खोजबीन के बाद दूर खेत में ग्रील मिला था. जबकि गुंबद के मामले में अब तक प्रशासन के हाथ खाली हैं. अब देखने बाली बात होगी कि इस मामले का खुलासा पुलिस कितने दिनों में कर पाती है. बताते चलें कि बीते वर्ष आंधी तूफान के कारण मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था. सेवायत परिवार को मिले न्यायालय के आदेश के आलोक में 13 फरवरी 2024 से मंदिर के क्षतिग्रस्त भाग को तोड़ने की शुरुआत हुई. एवं 19 फरवरी 2024 को मंदिर जीर्णोद्धार के लिए भूमि पूजन कार्य संपन्न कर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ. लेकिन जमीन के अंदर पीलर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कुछ ग्रामीणों के द्वारा यह कहकर रोक दिया गया कि मंदिर का निर्माण पत्थर से होगा. इस काम के लिए कई बैठक भी आयोजित की गई. जिसके बाद तय हुआ कि मंदिर का निर्माण पत्थर से ही हो इसके लिए इंजीनियर भी आए. मंदिर का नक्शा भी तैयार हुआ लेकिन मंदिर का निर्माण कब तक शुरू होगा यह भविष्य के गर्त में छुपा हुआ है. आगे बरसात का पूरा सीजन बांकी है. मंदिर के चारो बगल मंदिर निर्माण के लिए गड्ढा खुदा हुआ है. बारिश के दिनों में उस गड्ढे में पानी जमा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. जो की मंदिर के गर्भ गृह की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही नहीं है. ग्रामीणों के अनुसार इस हालत में मंदिर की सुरक्षा माता के ऊपर ही होने बात कर रहे हैं.

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