बेगूसराय.
शहर में ऑटो चालकों की मनमानी लंबे से बरकरार है. नतीजा है कि प्रतिदिन छोटी-छोटी रूटों में आवागमन करने वाले राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार इस दिशा में विभिन्न संगठनों के द्वारा आवाज बुलंद की गयी लेकिन इसके लिए जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं. ऑटो चालकों की मनमानी और प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण सोमवार को रक्षाबंधन के लिए विभिन्न रूटों में आवागमन करने वाली बहनों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. ज्ञात हो कि पिछले ही महीने ओवर लोडिंग के कारण ऑटो- कार की टक्कर में एनएच-31 पर ही कई लोगों की जानें चली गई थी. बावजूद इसके इस तरह की खतरनाक परिस्थितियों में लोगों को ऑटो में ठूंसकर जाने को मजबूर किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि बिना किसी मिलीभगत के खुलेआम इस तरह से नेशनल हाइवे पर इस तरह से ओवर लोडेड ऑटो का चलना असंभव ही नहीं बल्कि नामुमकिन है. गंगा स्नान करने, तीर्थ यात्रा पर जाने वालों के साथ, बीमार,वृद्ध, दिव्यांग और नन्हें बच्चों के साथ इनका व्यवहार सिर्फ कानून की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि पारिवारिक-सामाजिक संस्कारों के विपरीत और अमानवीयता की हद तक होता है. आम-आदमी की परेशानियों के मद्देनजर परिवहन विभाग तथा जिला प्रशासन को इस अराजक स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए. दैनिक रेल यात्री संघ के पदाधिकारी राजीव कुमार ने इस तरह की व्यवस्था पी घोर निंदा करते हुए कहा कि आम-आदमी के हितों की रक्षा करने की कसमें खाकर, अपनी राजनीति और चेहरा चमकाने वालों को भी बेगूसराय की मां-बहनों और आमलोगों के हित में अपने स्तर से ऐसे मसलों पर अविलंब ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर अविलंब इस दिशा में पहल कर इस पर कार्रवाई व व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो विभिन्न संगठनों के द्वारा आंदोलन शुरू किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है