बीहट. छठ पूजा के समापन के दूसरे दिन गंगा पार से कार्तिक शुक्ल पक्ष के दिन स्नान, मुंडन कराने की परंपरा को लेकर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. एक ओर महीनों से चल रहे सिमरिया राजेंद्र पुल के सड़क मार्ग की मरम्मत को लेकर कंपनी की मनमानी पूर्ण वन-वे व्यवस्था, दूसरी छोटे-बड़े वाहन चालकों की मनमानी और फिर ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन के लचर रवैये तथा पुलिस बलों की कमी के कारण राजेंद्र पुल से लेकर बरौनी एनटीपीसी प्लांट तक जाम ही जाम का नजारा शनिवार की सुबह से लेकर शाम तक दिखा. पुल से लेकर घाट तक हर तरफ जाम ही जाम. पुल पर वाहन की कौन कहे पैदल पार करना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा था. यही हाल सिमरिया घाट आने-जाने वाली सड़क का था. हर जगह जाम की वजह से लोग दिन भर हलकान और परेशान रहे. वहीं जाम में फंसकर किसी की ट्रेन छूट गयी तो कोई समय से स्कूल और कार्यालय नहीं जा सका. एक तरफ जाम में फंसे एम्बुलेंस के अंदर मरीज के साथ परिजनों की सांस अटकी रही. वहीं गाड़ी के अंदर बैठे बच्चे भूख व प्यास से बेहाल थे. जाम के कारण दोनों तरफ काफी लंबी-लंबी कतार लगी रही. वाहनों को रुक-रुक कर पूरी दूरी रेंगते हुए पार करने की मजबूरी थी. गर्मी और उमस से जाम में फंसे लोगों का बुरा हाल था.लोग पीने के लिए पानी की खोज में इधर-उधर भटकते रहे. नवादा ड्युटी ज्वाइन करने फोर व्हीलर से जा रहे समस्तीपुर के रामप्रवेश सिंह ने कहा कि सुबह दस बजे राजेंद्र पुल तीनमुहानी के पास पहुंच गये थे और उसके बाद करीब तीन घंटे से एक इंच भी आगे नहीं सरके हैं. कहीं जाम समाप्त करने की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है. हमें तो यह भी पता नहीं कि आखिर आगे जाम किस वजह से लगा हुआ है. आक्रोशित लोगों ने कहा 112 डायल कर पुलिस को सूचना देने की कोशिश की गयी तो फोन भी उठाना जरूरी नहीं समझ रहे थे. आलम तो यह था किराजेंद्र पुल पर जाम लगे रहने से लोग अपने सामान व बच्चों को लेकर पैदल ही पुल पार करने को विवश थे. वहीं सिमरिया तक जाने वाले लोग वैकल्पिक मार्ग से धूल उड़ाते आ-जा रहे थे. लोगों की मानें तो राजेंद्र पुल पर जबसे मरम्मति का काम शुरू हुआ है तबसे अक्सर जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है. जिसके कारण प्रशासन व पुलिस का भी सिरदर्द बढा है. इस होकर गुजरने वाले वाहनों की संख्या इतनी है कि अगर दो-चार मिनट भी आगे-पीछे चलने वाली गाड़ी सड़क पर रूक जाये तो देखते ही देखते उसके पीछे वाहनों की लंबी कतार लग जाती है.अगर एक बार जाम लग गया तो कब टूटेगा,कहना मुश्किल है. दरअसल राजेंद्र पुल के समीप एनएच-31 पर सड़क के दोनों ओर प्रतिदिन गलत तरीके से वाहन खड़े कर दिये जाते हैं, जिससे भी जाम की समस्या बढ़ जाती है. जाम में फंसी वाहनों का हजारों रूपये मूल्य के ईंधन की नाहक बर्बादी तो होती ही है प्रदूषण का ग्राफ भी बढता है.वहीं लोगों की मानें तो पुल पर जाम की ऐसी स्थिति कार्तिक पूर्णिमा स्नान तक रहने वाली है. इसलिए सिमरिया मे उमड़ने वाले संभावित जनसैलाब के लिये अभी से ट्रैफिक व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त नहीं बनाया गया तो उसके परिणाम के बारे में सोचकर लोग अभी से सिहरने लगे हैं.
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