बेगूसराय. बिहार के नंबर वन अस्पताल का तगमा लेकर बैठे सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक के द्वारा जब एक मरीज का जांच रिपोर्ट देखने के बाद निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिये चिरकुट(पूर्जा) थमाया तो मरीज के परिजनों ने अस्पताल में ही हंगामा करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं मरीज के परिजन ने डीएम, सिविल सर्जन व सदर अस्पताल के प्रशासी पदाधिकारी को लिखित शिकायत तक कर डाली. दरअसल, बेगूसराय जिला के रघुनाथपुर निवासी चिंटू कापर अपनी पत्नी ममता देवी का 04 सितंबर को इलाज कराने सदर अस्पताल गया था. जहां मरीज की स्थिति को देखते हुये डॉक्टर के द्वारा अन्य जांच व अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी गयी. मरीज के पति ने बताया कि जब पुनः जांच व अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लेकर 12 सितंबर को सदर अस्पताल दिखाने पहुँचा तो वहां ऑन ड्यूटी डॉक्टर स्वाति के द्वारा मरीज के जांच रिपोर्ट की समीक्षा की गयी. जिसके बाद काउंसेलर रणवीर के द्वारा डॉ स्वाति के निर्देश पर इलाज हेतु सदर अस्पताल से प्राइवेट क्लिनिक का सुझाव दिया गया. इतना ही नहीं, सुझाव के साथ ही एक पर्ची पर निजी क्लिनिक का नाम व पता भी लिख दिया गया. मरीज के पति चिंटू कापर ने डॉक्टर से कहा कि मैडम मैं गरीब हूं प्राइवेट क्लिनिक में इलाज कराने के लिये सझम नहीं हूं. जिसके बाद मरीज के परिजनों ने वहाँ हंगमा करना शुरू कर दिया कि मैं इलाज कराने सदर अस्पताल आया हूं तो आप मुझे निजी क्लिनिक क्यों भेज रही हैं. इस मामले से आक्रोशित मरीज के परिजन ने लिखित में डीएम, सिविल सर्जन व सदर अस्पताल के प्रशासी पदाधिकारी से शिकायत की. मरीज के परिजन ने कहा कि क्या फायदा है बिहार में बेगूसराय सदर अस्पताल का नंबर वन होना. हालांकि ऐसे मामले बहूत बार आ चुके हैं,लेकिन किसी ने इसकी लिखित शिकायत नहीं की थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है