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Bihar News: बेतिया में बाघ निकालने की सूचना पर मचा हड़कंप, वन कर्मियों ने गन्ने के खेत को घेरा तो निकला सुअर

Bihar News: बेतिया में गन्ने के खेत में बाघ होने की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने की पूरी तैयारी कर ली. इसके बाद पता चला की वह बाघ नहीं है, बल्कि जंगली सुअर है.

Bihar News: बिहर की बेतिया स्थित गौनाहा से अजीबोगरीब खबर सामने आ रही है, जहां पर एक सूचना ने वन विभाग को परेशानी में डाल दी थी. शनिवार को दिन के 12 बजे गांव से पश्चिम सरेह के गन्ने के खेत में बाघ निकलने की सूचना पर एकाएक ग्रामीणों में दहशत फैल गई. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा होकर शोर मचाने लगे हैं. वहीं सूचना पाकर फॉरेस्टर रूपा सिंहा अपने वन कर्मियों के साथ मौके पर पहुंची छानबीन शुरू कर दी. गन्ने के खेत के चारों तरफ से घेर लिया गया. बाघ को पकड़ने की पूरी तैयारी कर ली गयी. इसके बाद पता चला की वह बाघ नहीं है, बल्कि जंगली सुअर है. इसके बाद फॉरेस्टर रूपा सिंहा ने ग्रामीणों को आश्वत किया कि बाघ नहीं यह जंगली सूअर है.

बाघ की गरजने की आवाज सुनकर

जबकि भोला कुमार और सुरेंद्र बिन ने बताया कि दोनों व्यक्ति साइकिल से खंडवा टोला गांव से अपने घर बानबैरिया लौट रहते थे, अचानक गन्ने के खेत से बाघ की गर्जना सुनाई दी, बाघ की गरजने की आवाज सुनकर दोनों आदमी साइकिल छोड़कर भागने लगे और दौड़े-दौड़े गांव में पहुंचे. जब यह बात ग्रामीणों को पता चली तो काफी संख्या में लाठी डंडा लेकर ग्रामीण वहां पहुंचे और फॉरेस्टर रूपा सिंहा को फोन किया. रुपा सिंहा भी अपने वनकर्मियों के साथ मौके पर पहुंची, लेकिन काफी छान बीन के बाद उन्होंने बताया कि यहां जो भी पग मार्ग दिख रहे हैं, वह बाघ का नहीं, बल्कि जंगली सूअर का है, लेकिन आज का ताजा बाघ का पग मार्ग ग्रामीणों ने दिखाया, कुल मिलाकर वन बैरिया गांव सहित आसपास के गांव में इंद्रदेव महतो पर हमला और मौत की घटना के बाद से आम ग्रामीणों में काफी दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है. इस संबंध में फॉरेस्ट रुपा सिन्हा ने बताया कि इंद्रदेव महतो की घटना के बाद से ग्रामीणों में खौफ का माहौल बना हुआ है. जबकि बाघ द्वारदह नदी पार कर मानपुर जंगल में चला गया है और हमारे वनकर्मी पूरे चौकसी के साथ उस पर नजर बनाए हुए है.

बाघ की सूचना पर घंटों बना रहा अफरा-तफरी का माहौल

बाघ की सूचना पर घंटों अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. मौके पर पहुंचे जमुनिया फॉरेस्टर रूपा सिंहा, आरआरटी प्रभारी मुकेश कुमार राम, वनरक्षी सिंटू पासवान, टाइगर ट्रैकर प्रकाश महतो, राजेश राम तथा जगन महतो ने मामले को लेकर बाघ को ट्रैकिंग करने जुट गए. वहीं फॉरेस्टर रूपा सिंहा ने बताया कि गन्ने के खेत में बाघ नहीं जंगली सूअर है. बाघ जंगल की तरफ लौट गया है। ग्रामीण अफवाह से बचे. इधर मानपुर पुरैनिया गांव के ग्रामीण सुगंधी देवी, निर्मला देवी, सीमा देवी, धर्मेंद्र बिन, जमुनी देवी, लाल बहादुर बिन आदि ने बताया कि हम सभी ग्रामीण बाघ के डर से दहशत में जीने को मजबूर है. शाम होते ही हमलोग घरों में दुबक जा रहे है.

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मानपुर पुरैनिया व वन बैरिया गांव के लोग बाघ के डर से दहशत में जीने को मजबूर

बतादें कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मानपुर वन क्षेत्र के मानपुर पुरैनिया और बन बैरिया गांव के लोग बाघ के डर से दहशत में जीने को मजबूर हैं. वहीं बन बैरिया गांव के सरेह में बाघ होने कि सूचना पर शनिवार को भी घंटों अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. दोनों गांवों के लोग रात में घरों से निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. ग्रामीण मनोज बैठा ,अजय पासवान, जोगिंदर महतो, विनोद यादव, मामुल शेख,तपू महतो, सजीर मियां, सलीम अंसारी तथा मदन चौधरी आदि ने बताया कि महेंद्र राम के 15 वर्षीय पुत्र अनिल कुमार तथा कमलेश्वरी राम के पुत्र सोनू कुमार 17 वर्षीय खाड़वा टोला से साइकिल से आ रहे थे, तभी गन्ने के खेत में बाघ के गरजने कि आवाज सुन दोनों किशोर साइकिल छोड़कर फरार हो गए और गांव में आकर ग्रामीणों को जानकारी दी.

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