Bihar Tourism: बेतिया. चार माह से बेसर्बी से इंतजार कर रहे पर्यटकों के स्वागत के लिए बिहार का इकलौते टाइगर रिजर्व तैयार है. सोमवार से यहां जंगल सफारी की शुरुआत हो गयी है. पहले दिन से ही वाल्मीकि विहार स्थित सभी कमरे हाउस फुल हैं. जंगल सफारी भी सुबह से शाम तक एक दिन पहले ही बुक हो गया है. वीटीआर के वाल्मीकिनगर, मंगुराहा व गोबर्धना के पर्यटन केन्द्रों पर जंगल सफारी को शुरू हो गया है.
टाइटेनिक प्वाइंट बढ़ायेगा पर्यटकों को रोमांच
वीटीआर के दूसरे पर्यटन केंद्र मंगुराहा और गोबर्धना में भी दर्जनों स्थल पर्यटकों के रोमांचित करने के लिए तैयार हैं. यहां पहुंचनेवाले पर्यटकों का स्वागत आदिवासी झमटा नृत्य से किया यगा. थरूहट और आदिवासियों की सांस्कृतिक विरासत पर्यटकों के दिनभर के रोमांच को रात में झमटा नृत्य मनोरंजन का डोज फुल कर देगी. जंगल के बीचोबीच परेवादह और कमल आकृति का बना टाइटेनिक प्वाइंट पर्यटकों के रोमांच को बढ़ाएगा.
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लवकुश-रीवर पाथवे बनेगा आकर्षण का केन्द्र
वीटीआर के पर्यटन केन्द्रों पर तो वैसे पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए दर्जनों सुन्दर और आकर्षण स्थल प्राकृतिक सुंदरता के साथ मौजूद है, लेकिन पर वाल्मीकिनगर के पर्यटन केंद्र पर रीवर पाथवे पर्यटकों अपनी ओर खीचेगी. मुंबई के मेरिन ड्राइव की तर्ज पर बनेपाथवे के किनारे गंडक नदी, सामने नेपाल के पहाड़ और बगल में वीटीआर के जंगल की खूबसूरती पर्यटकों को आनंदित कर देगी. वहीं गंडक पर नेपाल सेवाल्मीकि आश्रम तक बना लव-कुश झूला भी किसी रोमांच से कम नहीं होगा.