वाल्मीकिनगर. गंडक बराज से निकलने वाले मुख्य तिरहुत नहर के छह आरडी के समीप पानी से निकाल कर नहर के बीच जमे सिल्ट पर निकले एक घड़ियाल को देख नहर किनारे बांध पर खेल रहे बच्चों में कौतूहल और हड़कंप मच गयी. साथ ही बच्चे शोर मचाने लगे. बच्चों की शोर को सुन आस पास के कुछ युवक और राहगीर इकट्ठा हो गए. युवकों में रफीक, राजन सहित अन्य लोगों ने हो हल्ला कर घड़ियाल को नहर में भगा दिया. इस बाबत रेंजर राज कुमार पासवान ने बताया कि हो सकता है घड़ियाल सिल्ट पर पहुंच धूप ले रहा हो. यह स्वभाव से आक्रामक नहीं होता है. फिर भी लोग सावधान रहे. बच्चे या बड़े नहर किनारे बांध पर बैठने या खेलने से परहेज करें. वन कर्मियों ने निजी पोखरा से मगरमच्छ का किया रेस्क्यू हरनाटांड़. लौकरिया थाना क्षेत्र के रामपुर मिडिल स्कूल के समीप एक निजी पोखरा में कई दिनों से मगरमच्छ डेरा जमाएं हुए था और पोखरे में छोड़ी गयी मछलियों को अपना शिकार बना रहा था. इसी क्रम में बुधवार की देर शामिल स्थानीय मछुआरा जाल के सहारे पोखरा में मछलियों के पकड़ रहे थे कि पोखर में मगरमच्छ दिखाई दिया. मगरमच्छ को देख पोखरा मालिक अशोक साहनी द्वारा वन विभाग को सूचना दी गयी. सूचना को गंभीरता से लेते हुए मदनपुर वन क्षेत्र के रामपुर वन परिसर के वनरक्षी सुजीत कुमार वन कर्मियों की टीम के साथ पहुंचे. जहां मछुआरों के साथ वन कर्मियों की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. वही वनरक्षी ने बताया कि रामपुर निवासी अशोक साहनी के निजी पोखरा में मगरमच्छ के पाये जाने की सूचना मिली. जिसको गंभीरता से लेते हुए वन कर्मियों की टीम के साथ मौके पर पहुंच मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि पोखरा स्वामी द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर विभागीय कार्रवाई कर मुआवजा दिलाई जाएगी. पोखर में घुसे मगरमच्छ का वन कर्मियों ने किया रेस्क्यू वाल्मीकिनगर. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के गोनौली वन क्षेत्र से सटे भौजी पोखर से बुधवार की शाम एक बार फिर वन कर्मियों ने एक विशालकाय मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया. बताते चलें कि विगत कुछ दिन पहले भी उक्त पोखरा में घुसे मगरमच्छ के रेस्क्यू के दौरान एक वन कर्मी मगरमच्छ के हमला में बुरी तरह से जख्मी हो गया था. इस बाबत जानकारी देते हुए गोनौली रेंजर राजकुमार पासवान ने बताया कि पोखरा स्वामी नंदकिशोर साहनी ने सूचना दिया कि एक मगरमच्छ पोखर में घुस कर मछलियों को नुकसान पहुंचा रहा है. सूचना को गंभीरता से लेते हुए वन कर्मियों के टीम को पोखरा पर भेजा गया. जहां घंटों की मशक्कत के उपरांत मगरमच्छ का रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया गया.
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