बेतिया. नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति की बैठक गुरुवार को महापौर गरिमा देवी की अध्यक्षता में आयोजित की गई. जहां सबके लिए आवास योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के नगर निगम में क्रियान्वयन की समीक्षा की गई. मेयर ने बताया कि अभिलेखों के अवलोकन से पाया गया कि इस योजना के लिए कुल 574 गरीब परिवारों का आवेदन सभापति काल में ही स्वीकृत हुए थे. इन आवेदनों में से 139 का वर्षो पूर्व स्वीकृत होने के बाद भी प्रथम किश्त का भी भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में इस मद में प्राप्त दो करोड़ का आवंटन सरकार को वापस लौट गया. मेयर ने कहा कि बीते 26 जुलाई को ही नगर प्रशासन की लापरवाही एवं स्वेक्षाचारिता के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना मद में प्राप्त राशि को लौट जाना संपूर्ण नगर निगम के बेघर गरीबों के साथ षड्यंत्र और धोखा है. इसके साथ ही पूर्व की बैठकों में लिए गए निर्णय के अनुपालन नहीं होने को लेकर सदस्यों द्वारा रोष व्यक्त किया गया. वार्डों की सफाई हेतु आवश्यक उपकरण कुदाल, तगाड़ी, पंजा, गोइंता, झाड़ू, बेलचा, रमा आवश्यकता अनुसार बाजार मूल्य के अंतर्गत लिया जा सकता है. डेंगू के प्रकोप को देखते हुए पीठ पर रखकर छिड़काव करने वाला बैटरी वाला मशीन सभी वार्डों में एक-एक कुल 50 क्रय का निर्णय हुआ. बैठक में उपनगर आयुक्त गोपाल कुमार, सशक्त स्थायी समिति सदस्य, अधिकारीगण एवं कर्मचारी शामिल रहे. इधर, प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि लौट जाने के मामले में सशक्त स्थायी समिति ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री को भेजने का निर्णय किया है. ——————————- विज्ञापन होर्डिंग में 10 लाख की हेरफेर, होगी वसूली मेयर ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में विज्ञापन होर्डिंग के लिए प्राधिकृत संवेदक के द्वारा अब तक अनुमानित दस लाख से भी अधिक की सरकारी राशि की हेराफेरी का आरोप है. समिति के सदस्य मनोज कुमार, रोहित कुमार सिकारिया, दीपक कुमार ने बताया कि केवल प्रचार वाहनों से करीब दो लाख से ज्यादा की वसूली का साक्ष्य उपलब्ध हुआ है. बावजूद इसके संवेदक द्वारा मात्र 70 हजार की राशि ही निगम कार्यालय में जमा कराया गया है, जबकि एकरारनामा के अनुसार संवेदक को प्रत्येक सप्ताह वसूली गई राशि एवं उसकी विवरणी नगर निगम कार्यालय में जमा करनी है. ऐसे में पूरे नगर निगम क्षेत्र में लगे सैकड़ों विज्ञापन होर्डिंग को मिला कर आज तक कम से कम दस लाख से अधिक की देनदारी बनती है. बैठक में समिति के समक्ष बुलाने पर प्रस्तुत संवेदक ने अगले 5 दिन में कुल वसूली का पूरा पैसा नगर निगम में जमा कराने की बात कही. मेयर ने कहा कि 23 सितंबर दोपहर तक अगर वसूली की पूरी राशि विवरणी के साथ जमा नहीं कराई जाती है तो संवेदक का अनुबंध रद्द कर इसके विरुद्ध सरकारी राशि के गबन के इस आपराधिक कृत्य के लिए एफआईआर के साथ वसूली की राशि के लिए नीलाम पत्र वाद की भी कार्रवाई की जायेगी. ————————————– मेरे समय का नहीं है मामला: नगर आयुक्त आवास मद के दो करोड़ की राशि वापस लौटने के संदर्भ में नगर आयुक्त शंभू कुमार ने बताया कि यह मेरे समय का मामला नहीं है. उस समय हम आयुक्त नहीं थे. पैसा करंट सत्र के लिए आया था. उस समय लाभुकों को भुगतान क्यों नहीं हुआ इसके कारण की समीक्षा होनी चाहिए. 837 आवास का पेपर रेडी है, आवंटन मिलते ही कैंप लगाकर पैसा भुगतान कर दिया जाएगा.
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