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जीएमसीएच से सबको अपेक्षाएं, दायित्वबोध जरूरी : डीएम

आम जनता से लेकर राज्य सरकार तक को जीएमसीएच से काफी अपेक्षाएं और आशाएं है.

बेतिया. आम जनता से लेकर राज्य सरकार तक को जीएमसीएच से काफी अपेक्षाएं और आशाएं है. जिला प्रशासन का प्रमुख होने के नाते उम्मीद करता हूं कि इस नये वर्ष में आप सब अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे. क्योंकि यहां नौकरी करने के लिए किसी को भी उंगली पकड़कर या जबरदस्ती नहीं लाया गया है.

मंगलवार को अस्पताल के बी ब्लॉक में इमरजेंसी और कैजुअल्टी सेवा का शुभारंभ करते हुए पश्चिम चम्पारण के जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने साफ तौर पर यह स्पष्ट कर दिया कि जीएमसीएच की शिकायत उन तक नहीं जानी चाहिए. डीएम ने कहा कि हमेशा शिकायत मिलती है कि डॉक्टर्स नहीं है. लेकिन एक बात स्पष्ट समझना होगा कि यह मेडिकल कॉलेज है. यहां हर हाल में सीनियर डॉक्टर्स उपस्थित चाहिए. यहां गरीब से लेकर अमीर, आम से लेकर खास सभी तरह के लोगों का इलाज होता है. इसलिए यहां काम करने वाले डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी व अन्य कर्मियों को भी अपने-अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करना होगा. डीएम ने कहा कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे है. बदलते परिवेश में स्वास्थ्य विभाग कार्य कर रहा है. जितना संसाधन हैं, उसका हर स्तर पर प्रयोग बेहतर तरीके से होना चाहिए. जिला प्रशासन हर स्तर पर सहयोग करेगा. मरीजों और अटेंडेंट के लिए निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि सदैव इस बात का ध्यान रखें कि डॉक्टर धरती के भगवान माने जाते है. इलाज के दौरान धैर्य और सहनशीलता बनाए रखें. चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ विनम्रता का भाव अवश्य रखें. पत्रकारों को निर्देशित करते हुए डीएम ने कहा कि गंभीर मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर्स या मेडिकल टीम को डिस्टर्ब ना करें. इलाज का कार्य पूरा होने के बाद ही अपने प्रोफेशन से जुड़ा काम देखें.

सीएचसी व अनुमंडल अस्पतालों से अब नहीं चलेगा रेफर का खेल

डीएम ने कहा कि कई बार यह देखा जा रहा है कि प्रखंड और अनुमंडल स्तर के अस्पताल खाली है और जीएमसीएच में बेवजह की भीड़ भरी है. जीएमसीएच से यह रिकॉर्ड लिया जाएगा कि किस प्रखंड के मरीज सर्वाधिक रेफर होकर जीएमसीएच पहुंचते है. इसके बाद उस अस्पताल की भौगोलिक स्थिति के बारे में जांच कराई जाएगी. अधीक्षक डॉ सुधा भारती व प्राचार्य डॉ दिनेश कुमार ने डीएम को आश्वस्त किया कि उनकी टीम पूरी तन्मयता से मरीजों की सेवा के लिए कार्य करेंगे. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए पूर्व अधीक्षक डॉ प्रमोद तिवारी ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं इस अस्पताल को उसे दौर में संभाला था, जब कोविड काल था. खुशी हो रही है कि अस्पताल का विस्तार हो रहा है.

अस्पताल प्रशासन ने प्रस्तुत किया पावर प्रजेंटेशन

जीएमसीएच गाईनी पीजी छात्रा डॉ आकांक्षा ने वर्ष 2020 से 2024 तक का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया. अधीक्षक डॉ सुधा भारती ने डीएम को बताया कि बी-ब्लॉक में ऑपरेशन से लेकर ऑर्ब्जवेशन तक की सारी व्यवस्थाएं है. ग्राउंड फ्लोर पर 20 बेड की कैजुअल्टी, 10 बेड का आईसीयू, 10 बेड का एनआइसीयू, प्रथम तल पर ऑप्शनल गाइनी व लेबर रुम, चौथे मंजिल पर आर्थो, सर्जरी, स्कीन, ईएनटी, आई व गाइनी के अलग अलग 6 मॉड्यूलर ओटी होंगे. मौके पर सदर एसडीएम डॉ विनोद कुमार, पूर्व अधीक्षक डॉ प्रमोद तिवारी, पूर्व सीएस डॉ श्रीकांत दूबे, प्रभारी उपाधीक्षक डॉ डीके मिश्रा, राजेश रंजन, डॉ संजय कुमार, अस्पताल प्रबंधक मो शाहनवाज, कार्यालय प्रधान उदय कर्मकार सहित अन्य मौजूद रहें.

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