बेतिया. शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. विभाग द्वारा विकसित ””””””””ज्ञानदीप”””””””” पोर्टल पर निजी विद्यालयों को अपने यहां नामांकित छात्र-छात्राओं की पहचान सहित पूर्ण जानकारी अपलोड करना अनिवार्य होने के बावजूद दर्जनों निजी विद्यालयों ने “ज्ञानदीप पोर्टल ” पर वांछित प्रतिवेदन अब तक अपलोड नहीं किया है.इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा के निदेशक संजय कुमार द्वारा जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया गया था कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी विद्यालय सक्षम प्राधिकार से प्रस्वीकृति का प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना संचालित नहीं रह सकेगा.इसके बाद डीईओ को निर्देश दिया गया था कि अपने-अपने यहां निजी विद्यालयों के संघों के साथ बैठक कर के उन्हें “ई.संवर्द्धन पोर्टल ” पर आवेदन करने के साथ “ज्ञानदीप ” पोर्टल पर विद्यार्थियों और शिक्षक शिक्षिकाओं की पूरी संख्या और जानकारी अपलोड करना था. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बावजूद इसके 125 निजी विद्यालयों ने अब तक वांछित प्रतिवेदन ऑनलाइन तौर पर उपलब्ध नहीं कराया है. जिसके बाद से जिला शिक्षा कार्यालय के समग्र शिक्षा संभाग द्वारा अब तक 73 विद्यालयों को नोटिस भेज दिया गया है. उन्हें मात्र दो दिन के अंदर स्थिति स्पष्ट नहीं करने पर उनकी स्वीकृति को रद्द कर देने की चेतावनी जारी की गई है. इसके साथ ही संबंधित स्कूलों को आवंटित यू डायस कोड भी रद्द करने की चेतावनी जारी की गई है. कोट पश्चिम चंपारण जिले के 73 निजी विद्यालयों को नोटिस भेज दिया गया है. इनमें से यदि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालय अगर रहते हैं तो इस मामले में सीबीएसई को भी पत्र लिखा जाएगा. जिसमें स्वीकृत सीटों की संख्या बताने के साथ अन्य अनिवार्य जानकारी संबंधित पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध नहीं करने पर निर्देशानुसार विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी. मनीष कुमार सिंह डीपीओ, समग्र शिक्षा, पश्चिम चंपारण
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