बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड, भागलपुर के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर सह पथ निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालक अभियंता श्रीकांत शर्मा के घर हुई विजिलेंस विभाग छापेमारी के लिए 10 सदस्यीय टीम बुधवार सुबह पटना से भागलपुर पहुंची थी. अभियंता के जोगसर थाना क्षेत्र के आदमपुर हनुमान नगर स्थित निजी मकान में करीब सात घंटे तक छापेमारी चली. छापेमारी के लिए पहुंची टीम घर में लगे फर्निशिंग के महंगे सामान और लाव लश्कर को देख पहले ही दंग रह गयी.
सात घंटे की छापेमारी के दौरान टीम को तीन ट्रॉली बैग में बंद करीब 98 लाख रुपये नकद, दो ट्रॉली बैग भर कर सोना और चांदी के जेवरात जिनकी मूल्य करीब साढ़े 67 लाख रुपये, मिले. इसके अलावा टीम को छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य के बिहार और दूसरे राज्यों के जमीन संबंधित कागजात भी मिले हैं. यह अभियंता और उनकी शिक्षिका पत्नी के नाम पर है. इसके अलावा टीम ने करीब एक दर्जन बैंक खातों के पासबुक और एटीएम कार्ड भी बरामद किये हैं. इसकी जानकारी निकाली जा रही है. इसके अलावा अभियंता के घर से खुद के, पत्नी के और बेटे और बेटी के नाम पर लाखों रुपये के लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के कागजात भी बरामद किये गये हैं. इस बात की पुष्टि टीम में शामिल निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना के डीएसपी संजीव जायसवाल ने की.
सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर सह पथ निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालक अभियंता श्रीकांत शर्मा के हनुमान नगर स्थित घर पर हो रही छापेमारी मोहल्ले में चर्चा का विषय बनी रही. स्थानीय लोगों के अनुसार भ्रष्टाचार के आरोपित अभियंता हनुमान नगर स्थित अपने आवास में अपनी पत्नी सहित एक बेटी के साथ रहते हैं. मोहल्ले के लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभियंता का बेटा कनाडा में रह कर पढ़ाई करता है. वहीं बेटी मानसिक रूप से बीमार है. अभियंता की पत्नी सरकारी शिक्षिका सह बीएलओ भी है. इस बात को लेकर मोहल्ले के लोगों में दिन भर सुगबुगाहट रही.
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अभियंता के घर पहुंची विजिलेंस विभाग की टीम जब घर में दाखिल हुई तो घर में लगे महंगे फर्नीचर, घर के सजावट, इंटिरियर डिजाइनिंग, इलेक्ट्रोनिक सहित अन्य सामान को देख भौंचक्की रह गयी. इधर स्थानीय लोगों में चर्चा थी कि जब अभियंता अपने घर का रेनोवेशन करा रहे थे तब यह बात सामने आयी थी कि घर की सजावट और उसके रेनोवेशन में इस्तेमाल हो रहे सामान सभी इंपोर्टेड और विदेशी कंपनियों के हैं. लोगों के बीच यह चर्चा तक थी कि अभियंता ने कमाये पैसों को छिपाने के लिए घर में एक तहखाना भी बनवाया था. हालंकि टीम को घर के भीतर ऐसा कोई तहखाना नहीं मिला.
विजिलेंस की छापेमारी के दौरान बरामद किये गये नकद, जेवर, जमीन, इंश्योरेंस, बैंक आदि के दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है. पटना से आयी टीम में शामिल पदाधिकारियों ने बताया कि बरामद सामान को लेकर संपत्ति और आय के स्त्रोत को लेकर जानकारी के लिए नोटिस दी जायेगी. स्पष्टीकरण नोटिस का जवाब मिलने के बाद ही गिरफ्तारी और चार्जशीट करने की कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए आरोपित अभियंता को कुछ दिनों की मोहलत भी दी जायेगी.
अभियंता के घर छापेमारी को पहुंची पटना से आयी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की 10 सदस्यी टीम में डीएसपी संजय जायसवाल, डीएसपी सत्यकांत, इंस्पेक्टर संजीव कुमार, इंस्पेक्टर एमके जायसवाल, इंस्पेक्टर सत्येंद्र राम, एसआइ देवी लाल श्रीवास्तव, एसआइ गणेश कुमार, एएसआइ जय प्रकाश, एएसआइ रीणा दास और एएसआइ ऋषिकेश शामिल थे.
वहीं भोलानाथ पुल फ्लाइओवर संघर्ष समिति संयोजक प्रमोद कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता के घर पड़े छापे में बड़ी संख्या में कैश एवं अकूत संपत्ति का मिलना यह दिखाता है कि इस भ्रष्ट अधिकारी द्वारा कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से ही पैसे लेकर गलत रिपोर्ट बनायी और दिखायी गयी है. रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने इशाकचक की ओर पहुंच पथ में 59 करोड़ लगने की भी गलत रिपोर्ट बनायी थी. इस क्षेत्र के लोग दबी जवान में कह रहे थे कि अगर श्रीकांत शर्मा को पांच लाख रुपये पहुंचा दिया जाये, तो यह पहुंच पथ तुरंत मिल जायेगा. क्षेत्र की जनता की आशंका सच हुई. संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि भोलानाथ पुल में पूरब इशाकचक की ओर एवं पश्चिम डिक्शन रोड की ओर पहुंच पथ से संबंधित उनकी रिपोर्ट को तुरंत खारिज कर नये विशेषज्ञ की देखरेख में रिपोर्ट तैयार करायी जाये एवं फ्लाईओवर का नक्शा पुनः बनवाया जाये. अन्यथा सुल्तानगंज-अगुवानी पुल की पुनरावृति से इनकार नहीं किया जा सकता है.