राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी छात्र-छात्राओं का अब अपार आईडी बनेगा, जो 12 अंकों का होगा. ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी निर्माण को लेकर स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी डीइओ को निर्देशित कर इसे अनिवार्य कर दिया है. ऑनलाइन प्रशिक्षण देकर सभी पहलुओं से सभी जिले के एमआईएस प्रभारी को अवगत कराया गया है.
अभिभावक से लेना होगा सहमति पत्र
बीइओ रेखा भारती ने बताया कि अपार आईडी निर्माण को लेकर जिन बच्चों का ई- शिक्षा कोष पोर्टल पर आधार की प्रविष्टि हो गयी है, उन बच्चों का आधार की प्रविष्टि यू डाइस पोर्टल पर भी करवाना है. विद्यालय में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी कर माता-पिता का सहमति पत्र के साथ आधार कार्ड की छाया प्रति प्राप्त करना है. अपार आईडी जेनरेट करने के लिए सहमति पत्र अनिवार्य है, जो विद्यालय में सुरक्षित रखा जायेगा. अपार आईडी के बाद सभी सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक की ओर से प्रमाण पत्र के साथ समर्पित करना है. प्रखंड संसाधन केंद्र की ओर से समेकित कर जिला स्तरीय कार्यालय को उपलब्ध कराया जायेगा. बीआरसी के कर्मी विशाल कुमार ने बताया गया कि यू डाइस पोर्टल पर नये बच्चों की एंट्री के पश्चात उनके अपार आईडी जेनरेट किया जायेगा. सभी को निर्देश दिया गया है कि यू डाइस में उपलब्ध कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्रों का अपार आईडी अविलंब जेनरेट करना सुनिश्चित करें. अपार आईडी बनवाने के लिए बच्चों के माता-पिता की सहमति होगी. डिजी लॉकर खाता खुलवाने के उद्देश्य के लिए यूआईडीएआई की ओर से जारी उसके आधार नंबर और जन सांख्यिकीय जानकारी शिक्षा मंत्रालय के साथ साझा करने के लिए अपनी सहमति देता हूं. अभिभावक के बाद विद्यालय प्रधान भी अपना हस्ताक्षर करेंगे. अपार आईडी अगले सप्ताह तक बनाना है.
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