जब बालक का जन्म होता है, तब नारी महतारी हो जाती है. उसे मातृत्व सुख बालक या संतान ही प्रदान करता है. उक्त बातें उत्तर प्रदेश से पधारीं साध्वी नीलम शास्त्री ने बुधवार को बूढ़ानाथ मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय मानस सद्भावना सम्मेलन के तीसरे दिन प्रवचन करते हुए कही. मध्यप्रदेश से पधारे पंडित रामस्वरूप उपाध्याय ने कहा कि आजकल के इस इस कलयुग में कई रावण अंदर बैठा है. उसे ही खत्म कर राम बनाना है. यही भक्ति है. पंडित रघुनंदन ठाकुर ने कहा कि भगवान देर से ही सही कृपा करते हैं. अतिथियों का स्वागत अध्यक्ष मृत्युंजय प्रसाद सिंह ने किया, तो संचालन प्रमोद मिश्रा ने किया. इस मौके पर कोषाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिन्हा, महामंत्री श्वेता सिंह, सचिव प्रमोद मिश्रा, सुनील चटर्जी, संयोजक हरि किशोर सिंह कर्ण, रत्नाकर झा, प्रणब दास, महेश राय, सुष्मिता दुबे, सौरभ मिश्रा, महारुद्र मिश्रा, बालमुकुंद, घनश्याम प्रसाद आदि उपस्थित थे. आगे बताया कि गुरुवार को मानस कोकिला कृष्णा मिश्रा प्रवचन करेंगी. बहुजन संगठनों ने किया मनुस्मृति दहन कार्यक्रम
बहुजन संगठनों की ओर से बुधवार को स्टेशन चौक पर डॉ आंबेडकर की प्रतिमा के सामने मनु स्मृति दहन कार्यक्रम हुआ. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह पर संसद में डॉ आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया और इस्तीफा की मांग की. कार्यक्रम में अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी संघ,सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार),बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच और बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन(बिहार) आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए. वक्ताओं ने कहा कि संविधान रचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ आंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को मनुस्मृति दहन किया था. आजादी के बाद संविधान लागू होने के साथ यह तय हो गया कि अब देश मनुस्मृति के आधार पर नहीं चलेगा. लेकिन,मनुवादी शक्तियां संविधान पसंद नहीं करती रही है. भाजपा-आरएसएस संविधान विरोधी हैं. मोदी सरकार द्वारा संविधान को कमजोर कर मनुस्मृति को लगातार पुनर्स्थापित किया जा रहा है. इसलिए संविधान विरोधी भाजपा के अमित शाह संसद में डॉ.अंबेडकर का अपमान करते हैं.
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