भागलपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए आकांक्षा छात्रावास शुरू हो रहा है. यहां महिलाओं को स्वच्छ व सुरक्षित आवासन मिलेगा. यह योजना राज्य के पांच प्रमंडलीय मुख्यालय पटना, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर व भागलपुर में लागू होगी. भागलपुर जिला प्रशासन ने छात्रावास के लिए किराये का भवन लेगा और इसके लिए विज्ञापन भी प्रकाशित कर दिया गया है. सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में चलाये जा रहे योजनाओं व सरकारी नियोजन में महिलाओं के लिए आरक्षण नीति के लागू होने के बाद कामकाजी महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. महिलाएं अपने स्थानीय जिला से निकल कर दूसरे जिलों में कार्य कर रही हैं. इसी कारण यह योजना लायी गयी है. छात्रावास में मानवबल की नियुक्ति संविदा के आधार पर होगी.
50 महिलाओं की क्षमता वाला होगा छात्रावास
भागलपुर में 50 महिलाओं की क्षमता वाला छात्रावास होगा. समाज कल्याण विभाग ने इस योजना की अधिसूचना जारी की थी. छात्रावास के संचालन में प्रतिवर्ष 93 लाख 38 हजार तीन सौ रुपये के खर्च की स्वीकृति दे दी गयी है. योजना का उद्देश्य सरकारी व गैरसरकारी संस्थानों में कार्यरत महिलाओं को कम लागत में गुणवत्तापूर्ण, स्वच्छ व सुरक्षित आवासन की सुविधा देना है.
डीएम के नियंत्रण में होगा छात्रावास
कामकाजी महिला छात्रावास जिलाधिकारी के नियंत्रण में होगा. इसके नोडल पदाधिकारी आइसीडीएस के डीपीओ होंगे. छात्रावास जिला मुख्यालय सदर व्यवसायिक क्षेत्र में स्थापित होगा. छात्रावास 25-30 कमरों वाला होगा. इसमें कम से कम 200 वर्गफीट का एक रसोईघर, न्यूनतम 10 शौचालय व स्नानघर, एक कॉमन हॉल, एक अतिथि कक्ष व एक सीक रूम होगा. बिजली की समुचित व्यवस्था होगी. निर्बाध बिजली के लिए इनवर्टर की व्यवस्था रहेगी. रसोईघर में गैस चूल्हा, माइकोब्रेव व फ्रीज की व्यवस्था होगी. कॉमन रूम में एक 55 इंच का टीवी डीटीएच सहित उपलब्ध होगा. म्यूजिक सिस्टम, न्यूज पेपर, मैगजीन, वाई फाई (इंटरनेट सुविधा), कैरम, लूडो आदि की भी सुविधा रहेगी. ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन की व्यवस्था होगी.
हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए खुलेगा अल्पावास गृह
भागलपुर में राज्य सरकार द्वार वर्ष 2007-08 में स्वीकृत मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के अंतर्गत भागलपुर में अल्पावास गृह (शॉर्ट स्टे होम) का संचालन होगा. इसमें घरेलू हिंसा से पीड़ित, यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना व अन्य किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाएं इस गृह में रह सकेंगी. यह वैसी महिलाएं होंगी, जिनके पास तत्काल रहने का आश्रय न हो. उन्हें अल्पावास गृह में सुरक्षित माहौल मिलेगा.
जिला प्रशासन ने किराये का मकान लेने के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया है. गृह की क्षमता 25 बिस्तरों की होगी. गृह में महिलाओं व किशोरियों की समस्याओं के निराकरण उन्हें सामाजिक मनोवैज्ञानिक परामर्श दिया जायेगा. चिकित्सकीय व कानूनी सहायता दी जायेगी. कौशल व क्षमता विकास के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा. यह जिलाधिकारी के नियंत्रण में होगा. यह सदर मुख्यालय क्षेत्र में स्थापित होगा. इसमें सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी. महिलाओं की गोद के शिशु या अल्पावास गृह में जन्मे शिशु को भी अधिकतम 10 वर्ष की आयु तक अल्पावास गृह में आश्रय प्राप्त होगा. कन्ऱ्या शिशु के मामले में उम्र का यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा.
प्रवेश की पात्रता
–सरकारी या गैरसरकारी संस्थानों में कार्यरत महिलाएं
–विधवा, परित्यक्ता व शारीरिक रूप से दिव्यांग कामकाजी महिलाएं
–अधिकतम 40 हजार रुपये समेकित मासिक आमदनी वाली महिलाएं
–आवेदन स्वीकृत होने के सात दिनों के अंदर मासिक भोजन शुल्क जमा करना होगा
–30 दिनों के अंदर छात्रावास में आवासित होना अनिवार्य होगा