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भागलपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से आधा दर्जन पंपिंग स्टेशनों का काम ठप, सबौर-जमसी मार्ग पर चढ़ा पानी

बिहार के विभिन्न इलाकों में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. इस वजह से भागलपुर में चल रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पंपिंग स्टेशनों का निर्माण भी ठप पड़ गया है

Ganga River: भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से सबौर-जमसी पथ के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है. गंगा नदी को निर्मल बनाने की योजना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) के पंपिंग स्टेशनों का निर्माण भी गंगा जलस्तर बढ़ने से ठप हो गया है. एसटीपी का निर्माण साहेबगंज कराया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत शहर में 10 जगहों पर पंपिंग स्टेशनों का निर्माण होना है. इसमें एक से छह तक गंगा किनारे बनना है. गंगा का जलस्तर कम होने के बाद अब काम शूरू हो सकेगा.

यह प्रोजेक्ट करीब 350 करोड़ की है. इस प्रोजेक्ट के तहत गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जायेगा. सभी नालों को 10 पंपिंग स्टेशन में पहुंचाने की योजना है. इन पंपिंग स्टेशन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचाया जायेगा. स्टेशन पर जेनरेटर की भी सुविधा रहेगी.

प्लांट से जुड़ेंगे 43 नाले

ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 45 एमएलडी की होगी. प्लांट तक नाले का पानी पहुंचाने के लिए 43 नाले का निर्माण किया जाना है. 13.7 किलोमीटर राइजिंग मेन पाइप बिछाया जाना है, जबकि 10.1 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन का कार्य होगा. 6.3 किलोमीटर के नाले से शहर की छोटे व बड़े नालों को जोड़ा जायेगा. राइजिंग मेन नाले की गहराई करीब दो मीटर होगी. वहीं, ट्रंक सीवर के लिए तीन से छह मीटर की गहराई होगी.

कार्य की उपलब्धता पर अबतक 100 करोड़ खर्च

तकरीबन 350 करोड़ से बन रहे 45 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य अब तक में 75 फीसदी ही पूरा हुआ है. 25 फीसदी कार्य अभी भी बाकी है. कार्य की उपलब्धता पर बुडको ने एजेंसी को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इस प्रोजेक्ट के लिए कभी पैसे की कमी नहीं रही है. सिर्फ कार्य प्रगति धीमी रहने से यह पूरा नहीं हो सका है.

अबतक नहीं मिली है वन्य जीव मंजूरी

इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए वन्य जीव मंजूरी मिलना आवश्यक है. इसके बिना काम पूरा नहीं हो सकेगा. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम मई में वन विभाग ने रोक दिया था. वन विभाग ने डाॅल्फिन इकाे सेंसेटिव जाेन का हवाला देकर काम राेका था. बुडको को एनओसी अब नहीं मिली है. जबकि, इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन अप्लाई किया है.

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सबौर-जमसी सड़क पर गंगा के पानी का हो रहा बहाव

गोराडीह और सबौर प्रखंड को जोड़ने वाली सबौर जमसी सड़क पर पानी का बहाव शुरू हो गया है. कतरिया नदी पर बने ललमटिया पुल के आसपास शुक्रवार को पथ पर गंगा का पानी का बहाव लगभग एक फीट तक शुरू हो गया. स्थिति बरकरार रही तो लचका पथ पर तीन से चार जगह पर गंगा के पानी का बहाव होने लगेगा और पथ पर आवागमन प्रभावित होगा. पथ पर पानी लगने से आमजन को लंबी दूरी तय कर सबौर हाट बाजार व स्कूल-कॉलेज जाना-आना पड़ेगा.

तत्काल गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है. दूसरी ओर सबौर क्षेत्र के गंगा घाट के किनारे के आबादी वाला क्षेत्र गंगा के पानी से प्रभावित हो रहे है. उस क्षेत्र की परेशानी बढ़ रही है.

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