भागलपुर से हंसडीहा फोरलेन सड़क (bhagalpur hansdiha four lane road) बनना है. पहले फेज में भागलपुर से ढाका मोड़ तक फोरलेन सड़क का निर्माण होना है और इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अपनायी जा रही है लेकिन, इसके जिम्मेदार विभाग की ओर से काम कम और बहानेबाजी के कारण लंबे समय से जमीन अधिग्रहित नहीं हो सकी है. अब जमीन अधिग्रहण का मामला जल्द सुलझाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए एनएच डिवीजन ने एक टीम नियुक्त किया है. टीम लगातार बांका व भागलपुर के अधिकारियों से संपर्क बनाये हुए है.
मुआयना करने पहुंचे अधिकारी, मंत्रालय ने मांगी है रिपोर्ट
शनिवार को बांका के एडीएम, डीएलएओ, एनएच के अधिकारी व उप रजिस्ट्रार मुआयना करने पहुंचे. अधिकारियों ने चक सफिया व खैरा गांव की जमीन का मिलान किया. टीम ने भूमि की प्रकृति का भी निरीक्षण किया. दरअसल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अधिकारियों से अधिग्रहित होने वाली जमीन की स्पष्ट स्थिति मांगी है. कच्चे व अवैध निर्माण को भी अर्जन में शामिल कर मुआवजे में शामिल करने पर सावधानी बरतने को कहा गया है. इधर, भागलपुर के भूमि सुधार उप समाहर्ता सदर ने 11 मौजों की 3जी रिपोर्ट सौंप दी है. 36 किमी में 11 किमी सड़क का मामला सुलझ चुका है.
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कई जगह आठ फीट से बढ़कर 14 से 15 फीट पर लोगों का कब्जा
भागलपुर और बांका जिले में कई जगह आठ फीट से बढ़ कर 14 से 15 फीट पर लोगों का कब्जा है. अधिकारी हर मौजे की जांच कर जमीन की प्रकृति का निर्धारण कर रहे हैं. यानी कौन सी जमीन गैर-मजरुआ, गैर-मजरुआ आम, पुश्तैनी या रैयती है. इसके अतिरिक्त जमीन की किस्म भी तय हो रही है. धनहर, आवासीय, भीठ (आवासीय के बगल की जमीन) या व्यावसायिक की रिपोर्ट बन रही है.
जमीन अधिग्रहण नहीं होने से टेंडर भी नहीं खुल रहा
जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी नहीं होने से टेंडर भी नहीं खुल रहा है. इसकी तिथि बार-बार बढ़ायी जा रही है. अबतक में 10 से अधिक बार तिथि बढ़ायी जा चुकी है. पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) की ओर से टेंडर भी जारी किया गया था.
ईपीसी मोड में बनेगा फोरलेन
पहले फेज में फोरलेन का निर्माण ईपीसी मोड (इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन) में कराया जाना है. यानी, चयनित कार्य एजेंसी को इंजीनियर, डिजाइनिंग और कंस्ट्रक्शन करना होगा. पिछले वर्ष 765 करोड़ से टेंडर जारी की गयी थी. मौजों में जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण मामला लटक गया. फतेहपुर मौजे की थाना संख्या-421 में जिस भूमि का अधिग्रहण किया जाना है वो सरकारी जमीन है जिस कारण उसकी 3जी रिपोर्ट तैयार नहीं हो पायी है. एनएच के अधिकारी ने बताया कि जमीन की रिपोर्ट तैयार हो रही है.