– क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा व उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन – भागलपुर जिला यक्ष्मा केंद्र की ओर से बुधवार को राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीइपी) की समीक्षा बैठक व उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में एनटीइपी की समीक्षा बैठक में सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी (एमओआइसी), ब्लाॅक हेल्थ मैनेजर एवं एनटीइपी कर्मी शामिल हुए. बैठक में जिले में क्षय रोग उन्मूलन के लक्ष्यों की प्रगति की समीक्षा की गयी. वहीं कार्य योजना को और प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया गया. जिले के सिविल सर्जन डॉ अशोक प्रसाद ने चिकित्सा पदाधिकारियों को उनके प्रखंडों में में टीबी जांच दर में वृद्धि कर टीबी रोगियों की पहचान का निर्देश दिया. वहीं मरीजों के उपचार और फॉलोअप में सक्रियता बढ़ाने की बात कही. सिविल सर्जन ने कहा कि मरीजों को दवा वितरण, निक्षय पोषण योजना की सहायता और सभी आवश्यक सेवाएं समय पर उपलब्ध करायी जायें. बैठक में निक्षय डिजिटल रिपोर्टिंग प्रणाली को और अधिक सटीक एवं समयबद्ध बनाने पर भी जोर दिया गया. एक मशीन से रोजाना 10 लोगों की करें जांच : बैठक को जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ दीनानाथ एवं विश्व स्वाथ्य संगठन के सलाहकार डॉ मेजर अवकाश सिन्हा ने संचालित किया. डॉ दीनानाथ ने टीबी से होने वाली मौत को कम करने के लिए डिफरेनशिएटेड टीबी केयर के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि टीबी की अत्याधुनिक जांच के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों में कुल 15 ट्रयूनेट और तीन सीबी नैट मशीन उपलब्ध है. एक मशीन से रोजाना कम से कम दस मरीजों की जांच करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में अभी तक कुल 5164 टीबी मरीजों की पहचान की गयी है. वहीं टीबी मुक्त पंचायत के लिए प्रत्येक प्रखंड से पांच पंचायतों को चयनित करने को कहा. बैठक में टीबी मरीजों की सघन खोज अभियान के लिए एक्शन प्लान पर चर्चा की गयी. सभी चिकित्सा पधिकारियों को इस अभियान के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये. वहीं सभी से सहयोग करने एवं तत्परता के साथ काम करने का आग्रह किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है