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छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण डायरिया व निमोनिया

छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण डायरिया व निमोनिया

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के शिशु विभाग में मंगलवार से नवजात बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर मेडिकल ऑफिसरों की पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत हुई. 22 से 26 अक्तूबर तक शिशु विभाग में कार्यक्रम चलेगा. इसका विषय है – नवजात एवं बाल रोग का सुविधा आधारित एकीकृत प्रबंधन (एफ-आइएमएनसीआइ). प्रशिक्षण सत्र में भागलपुर के अलावा मुंगेर, बांका, लखीसराय, जमुई एवं खगड़िया के चिकित्सक शामिल हुए. शिशुरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अंकुर प्रियदर्शी ने प्रशिक्षण में शामिल चिकित्सकों को बताया कि एक माह से पांच वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु का मुख्य कारण डायरिया और निमोनिया बीमारी है. वहीं मिजिल्स, मलेरिया और कुपोषण समेत अन्य बीमारियों के बेहतर उपचार करने जानकारी दी गयी. डॉक्टरों को बताया गया कि जिस बच्चे की बीमारी सबसे गंभीर है, उसका इलाज पहले करें. बेहतर इलाज के लिए हाइयर सेंटर में समय पर बच्चे को रेफर कर दें. इस कार्यक्रम का उद्देश्य पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाना है. प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन अस्पताल अधीक्षक डॉ केके सिन्हा और शिशुरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अंकुर प्रियदर्शी ने किया. प्रशिक्षण सत्र में डॉ राकेश कुमार, डॉ ब्रजेश कुमार एवं डॉ पीके यादव शामिल हुए. इस मौके पर डॉ सतीश कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ अनिल कुमार, हेल्थ मैनेजर रौशन शंकर, अविनाश कुमार, गौरव कुमार उपस्थित थे.

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