Bhagalpur: तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) के सुंदरवती महिला कॉलेज में एकेडमिक सीनेट की पहली बैठक गुरुवार को आयोजित की गयी. इसकी अध्यक्षता चांसलर विश्वनाथ आर्लेकर ने की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में इंटर्नशिप सेल सह एंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट सेल विकसित किया जायेगा. इस दिशा में काम किया जा रहा है. एक-दो माह में इसका काम पूरा कर लिया जायेगा. विवि के बाद इसे कॉलेजों में विकसित किया जायेगा. इससे विद्यार्थी आत्मनिर्भर होने के साथ दूसरे को भी रोजगार दे सकेंगे. विश्वविद्यालय शिक्षा देने के साथ विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में काम करे तो अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि सरकार की बहुत सारी ऐसी योजना है, जिसकी जानकारी छात्रों को नहीं होती है और वे लाभ से वंचित हो जाते हैं. इन योजनाओं का लाभ लेकर विद्यार्थी उद्योग लगा सकते हैं. अगर 50 फीसदी विद्यार्थी इस दिशा में आगे बढ़ते हैं, तो यहां के लोगों को रोजगार की कमी नहीं होगी. इसे स्टार्टअप के माध्यम से शुरू किया जा सकता है.
विद्यार्थियों से क्या बोले चांसलर
चांसलर विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि तकनीकी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को आसानी से रोजगार मिल रहा है, लेकिन सामान्य विद्यार्थियों को नौकरी के लिए मेहनत करना पड़ रहा है. सभी का एक ही लक्ष्य होता है नौकरी लेना. भविष्य में इसको ध्यान में रखते हुए विवि को तैयार करना होगा. विद्यार्थियों में सोच विकसित करना होगा कि आप नौकरी लेनेवाले नहीं, बल्कि नौकरी देनेवाले बने.
शिक्षकों की बहाली का विकेंद्रीकरण होने की जरूरत
विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि शिक्षकों को बहाल करने और सुविधा बढ़ाने की जरूरत है. दूसरे राज्यों में शिक्षकों की बहाली सरकार नहीं करती है, बल्कि विश्वविद्यालयों के स्तर से की जाती है. बहाली की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण करने की जरूरत है. यह व्यवस्था विवि की होनी चाहिए, लेकिन शिक्षक बहाली की प्रक्रिया आयोग के अंतर्गत होती है. आयोग बहाली कब करेगा, इस इंतजार में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती है. दूसरे राज्यों में कॉलेज स्तर पर भी शिक्षकों की नियुक्ति होती है. साल में एक बार कमीशन शिक्षकों की नियुक्ति करता है. प्रक्रिया जटिल होने पर भी बहाली की प्रक्रिया में समय लगता है.
टीएमबीयू में शुरू हो सकती है संताली विषय की पढ़ाई, राजभवन को प्रस्ताव
टीएमबीयू में संताली विषय की पढ़ाई शुरू हो सकती है. विवि ने पढ़ाई शुरू करने के लिए राजभवन प्रस्ताव भेजा है. एकेडमिक सीनेट की बैठक में संताली विषय की पढ़ाई शुरू करने के लिए कुलपति प्रो जवाहर लाल ने सदन को बताया था कि पीबीएस कॉलेज बांका व एसएसवी कॉलेज कहलगांव क्षेत्र में की आबादी अधिक है. जहां से जनजाति समाज के विद्यार्थी संताली विषय की पढ़ाई शुरू करने की मांग कर रहे हैं. संताली विषय के शिक्षक फिलहाल नहीं हैं. सरकार को इस दिशा में पद सृजित कर शिक्षकों उपलब्ध कराने होंगे. उन्होंने सदन को बताया कि टीएमबीयू इकलौता विवि है, जहां अंगिका, आंबेडकर, गांधी विचार, मैथिली विषय की पढ़ाई होती है. अंगिका विषय की पढ़ाई को प्रमोट करने के लिए नये सत्र से सभी कॉलेजों में स्नातक स्तर से पढ़ाई शुरू होगी. इसके पर कुलाधिपति ने कहा कि जल्द ही संताली विषय की पढ़ाई को लेकर निर्णय लिया जाएगा.
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