– जिले के सुल्तानगंज, भागलपुर व कहलगांव के पौराणिक स्थल का अवलोकन करेंगे सैलानी गौतम वेदपाणि, भागलपुर मानसून की समाप्ति के साथ ही जिले में विदेशी सैलानियों की आवाजाही शुरू हो गयी. लेकिन गंगातट पर क्रूज के ठहराव के लिए अबतक बेहतर व्यवस्था नहीं की गयी है. विदेशी सैलानियों को जिले के गंगातट पर व्याप्त गंदगी के बीच उतरना पड़ रहा है. इस सीजन में विदेशी पर्यटकों के साथ पांडव क्रूज के आठ फेरे व गंगा विलास क्रूज का एक फेरा लगेगा. बता दें कि पयर्टन की दृष्टि से अक्तूबर से मार्च तक का समय पीक सीजन माना जाता है. हर साल की तरह इस बार भी गंगानदी होकर टूरिस्ट क्रूज से विदेशी सैलानी भागलपुर के ऐतिहासिक स्थल का अवलोकन करने पहुंचने लगे हैं. बीते 15 अक्तूबर को भी बेल्जियम के 19 पर्यटक भागलपुर, कहलगांव व सुल्तानगंज पांडवा क्रूज से पहुंचे थे. क्रूज मैनेजमेंट से जुड़े पदाधिकारी समन्वय दास ने बताया कि इस बार विदेशी पर्यटकों को लेकर कोलकाता से पटना व वाराणसी के बीच आठ फेरे लगाया जायेगा. उन्होंने बताया कि पयर्टकों को राजमहल, साहिबगंज, कहलगांव, भागलपुर, सुल्तानगंज, मुंगेर व पटना समेत बिहार के अन्य गंगातट से सटे पर्यटन स्थल पर घुमाया जायेगा. इनमें कहलगांव का विक्रमशिला महाविहार व सुल्तानगंज की अजगैवीनाथ पहाड़ी सबसे महत्वपूर्ण स्थल हैं. जलस्तर हुआ कम, शहर के गंगा घाट होकर कैसे चलेगा जहाज : भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के भागलपुर प्रभारी आरआर कौशिक ने बताया कि गंगानदी का जलस्तर तेजी से कम होने लगा है. एक सप्ताह के अंदर जलस्तर करीब डेढ़ मीटर कम हुआ है. इसी गति से पानी कम होगा तो बरारी पुल घाट होकर जहाज के परिचालन में अब बाधा आयेगी. पुल घाट, मानिक सरकार घाट व बैरिया धार होकर फिलहाल तीन मीटर गहरायी है. इससे कम होने के बाद जहाज का ठहराव में मुश्किलें आयेंगी. उन्होंने बताया कि अब बाबूपुर व इंजीनियरिंग कॉलेज घाट होकर जहाज को नवगछिया की तरफ महादेवपुर व हाइलेवल घाट की ओर जहाज को मोड़ना होगा. इस रास्ते पर परिचालन के लिए रविवार तक सर्वे कर लिया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है