अंकित आनंद, भागलपुर: शराबबंदी कानून लागू किये जाने के बाद जैसे ही युवाओं ने नशीले ड्रग्स का सहारा लिया है वैसे ही शहर में नशीले ड्रग्स (गांजा, ब्राउन सुगर, हेरोइन आदि) का कारोबार करने वाले माफियाओं व कारोबारियों की चांदी हो गयी है. सूत्रों की मानें तक भागलपुर शहरी क्षेत्र में हर रोज रोज ब्राउन सुगर का चार लाख रुपये से भी अधिक का कारोबार होता है. इसके अलावा गांजा, चरस व हेरोइन का भी लाखों रुपये का कारोबार हो रहा है.
पुलिस की ओर से इस दिशा में की जा रही कार्रवाई का हाल यह है कि विगत एक वर्षों में एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिवेदित एक दर्जन कांडों में से कुछ में ही पुलिस अवैध कारोबारियों की गिरफ्तारी कर सकी है. वहीं अधिकांश मामलों में टुटपुंजियों की गिरफ्तारी करने के बाद मामले में दर्ज केस की फाइल को बंद कर दिया जाता है. हेरोइन, ब्राउन शुगर व गांजा के अलावा चरस जैसे नशीले पदार्थाें की खुलेआम हो रही बिक्री की वजह से हर रोज इनकी चपेट में आने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है. इसका सीधा असर शहर में बढ़ रहे अपराध के आंकड़ों पर भी पड़ रहा है. जहां इन नशीले पदार्थों की लत में आने वाले युवा जब पैसों के आभाव में इन नशीले पदार्थों को खरीदने के लिये छिनतई, लूट, बाइक चोरी आदि घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल और नॉर्थ इस्ट के राज्यों से ब्राउन सुगर की खेप भागलपुर के विभिन्न इलाकों में पहुंचती है. जिसमें इशाकचक थाना क्षेत्र और बबरगंज थाना क्षेत्र में इसके सर्वाधिक डीलरों के होने की बात सामने आयी है. जहां डीलर से इसे अलग अलग वजन के पन्नी के पैकेटों में पैक कर इसे अवैध कारोबार से जुड़े वेंडरों को देते हैं. वहीं वेंडर उक्त पैकेट खरीदने के बाद ब्राउन सुगर की छोटी छोटी पुड़िया बनाकर शहर के अलग-अलग इलाकों में बेरोकटोक इसे बेचते हैं. पुलिस से बचने के लिये वेंडर इसे बहुत ही कम संख्या में अपने पास रखते हैं. ताकि पुलिस के पहुंचते ही आसानी से ब्राउन सुगर की पुड़िया को जमीन पर फेंक कर भाग सकें.
Also Read: किसानों को अपराध और अपराधियों से मुक्ति मिलने की आस, सीएम नीतीश ने दिया आश्वासन
शहर के कई चाय स्टॉल, पान की दुकान के आसपास आसानी से ये वेंडर घुमते हुए दिख जाते हैं. अब तो स्कूल और कॉलेजों के बाहर भी उक्त वेंडरों को देखा जा रहा है. इनके पास पहुंचते ही केवल कोड वर्ड में माल या बीएस बोलने पर वेंडर इसे मांगने वालों को दे देते हैं. पुलिस से बचने का मुख्य कारण यह भी है कि इसे खरीदने वाले ज्यादातर लोग नाबालिक और युवा वर्ग के लोग होते हैं. वहीं पुलिस अगर इनकी रेकी भी करती है तो ये वेंडर चौकन्ने हो जाते हैं. विगत दो वर्षों से इस अवैध कारोबार से जुड़े तस्करों ने अपना पांव इस कदर शहर में फैला दिया है कि शहर लगभग सभी मोहल्ले में ब्राउन सुगर आसानी से नशेड़ियों को उपलब्ध हो जाता है. अबतक शहर में ब्राउन सुगर मामलों में हुई गिरफ्तारी में अधिकांश संभ्रांत घर से जुड़े युवाओं के शामिल होने की बात सामने आयी है.
बरारी थाना क्षेत्र के सुरखीकल मोड़ स्थित एक अपार्टमेंट के आसपास ये वेंडर सक्रीय रहते हैं.
जोगसर थाना क्षेत्र के कंबाइंड बिल्डिंग परिसर के पिछले हिस्से में आसानी से मिल जायेंगे वेंडर.
जोगसर थाना क्षेत्र का दीपनगर चौक, बूढ़ानाथ घाट आदि इलाकों में भी बिक रहा ब्राउन सुगर.
जोगसर थाना क्षेत्र का जिला स्कूल कंपाउंड और जिला स्कूल रोड पर भी घूमते मिलेंगे वेंडर.
जोगसर थाना क्षेत्र में चर्च के समीप एक चर्चित होटल के आसपास भी होता है कारोबार.
टीएनबी कॉलेजिएट मैदान में भी ब्राउन सुगर के वेंडर बिना रोक टोक घूमते देखे जा रहे हैं.
विवि थाना क्षेत्र के टीएनबी कॉलेज मैदान में भी ब्राउन सुगर खरीदने वालों की लगी रहती है होड़.
केस 1.
19 दिसंबर 2020 : जोगसर पुलिस ने दीपनगर घाट रोड से एक लाल बाबू राय को सात पुड़िया ब्राउन सुगर के साथ गिरफ्तार किया था. जिसने इशाकचक थाना क्षेत्र के रहने वाले एक युवक से ब्राउन सुगर की खेप खरीदकर उसे बेचने की बात कबूल की थी. वही उसने कई इलाकों में इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों की भी निशानदेही दी थी, जिसके आधार पर देर रात तक शहर के विभिन्न इलाकों में छापेमारी चलती रही. पर पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा.
22 जनवरी 2020 को जोगसर थाना क्षेत्र के मशाकचक मोहल्ले से पुलिस ने रवि कुमार साह और राजीव कुमार साह को ब्राउन सुगर की खेप के साथ गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने भी मामले में कई लोगों का नाम लिया था. पर उक्त दोनों अभियुक्तों को जेल भेजे जाने के बाद मामले की फाइल को बंद कर दी गयी. जिसके बाद मामले में इस कारोबार से जुड़े किसी बड़े माफिया की खोजबीन तक नहीं हुई.
25 जनवरी 2020 को तातारपुर पुलिस ने ब्राउन शुगर के साथ स्वर्ण कारोबारी मयंक वर्मा और एक अन्य दीपक राम को गिरफ्तार किया था. मयंक कोतवाली इलाके के जैन मंदिर लेन का रहने वाला है, जबकि दीपक राम गोशाला रोड का निवासी है. तत्कालीन सिटी डीएसपी के नेतृत्व में हुए छापेमारी में उक्त दोनों की गिरफ्तारी की गयी थी. उनके पास से ब्राउन सुगर के कई पुड़िया बरामद किये गये थे.
14 दिसंबर 2019 को जोगसर थाना की पुलिस ने दूसरी बार आदमपुर घाट रोड निवासी प्रशांत वत्स को ब्राउन सुगर बेचते गिरफ्तार किया था. उसके पास से दस पुड़िया ब्राउन सुगर बरामद की गयी थी. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की पर कुछ भी बरामद या किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी.
2019 के मार्च माह में इशाकचक पुलिस ने प्रशांत वत्स को गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने इशाकचक सहित आदमपुर के कई इलाकों में छापेमारी कर निशांत चौधरी, रोहित कुमार, मिथिलेश रंजन और प्रणव कुमार को गिरफ्तार किया था. उक्त छापेमारी में भी भारी मात्रा में ब्राउन सुगर की बरामदगी की गयी थी.
Posted By: Thakur Shaktilochan