Bihar News: भागलपुर स्मार्ट सिटी में पिछले पांच सालों में अलग-अलग जगहों पर जर्जर दीवारें गिरने की कई घटनाएं हो चुकी है. जिसमें करीब एक दर्जन लोगों की जान जा चुकी है. कभी बारिश के कारण मिट्टी गीला हो जाने से तो कभी वर्षों पुरानी दीवारों की नींव कमजोर होने के कारण उसके नीचे दबकर लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. वर्ष 2019 की घटना को आज भी लोग भूल नहीं पाए हैं, जब दीवारों के गिरने से एक ही दिन में आठ लोगों की मौत हो गई थी. पूरे शहर में मातमी सन्नाटा पसरा था. ऐसी घटनाओं के कुछ महीने बाद भले ही सरकारी स्तर से मुआवजा मिला है, लेकिन अपनों को खोने वाले परिजन आज भी उन्हें याद कर दुखी हैं.
29 सितंबर 2019 : आठ लोगों की हुई थी मौत
भागलपुर शहर के तीन इलाकों में दीवारें गिर गईं थी. संतनगर स्थित हनुमान घाट पर गंगा स्नान करने आए लोग मंदिर की दीवार के नीचे दब गए। इसमें भीखनपुर त्रिमूर्ति चौक निवासी पेंट व्यवसायी विवेक प्रकाश (38), संतनगर निवासी क्षितिज कुमार (24) और रिफ्यूजी कॉलोनी निवासी विकास चंद्र दास (50) की मौत हो गई थी. इसी दिन मायागंज स्थित सुंदरवन की पिछली दीवार एक झुग्गी पर गिर गई. इसके नीचे दबकर मायागंज झुग्गी निवासी 70 वर्षीय शुक्र दास की मौत हो गई थी. महाराज घाट इलाके में दीवार गिरने से 10 वर्षीय बच्ची सलोनी कुमारी उर्फ सल्लो और अनिल शर्मा की मौत हो गई थी.
नाथनगर थाना रोड से सटे सरदारपुर स्थित रेशम संस्थान की सौ साल पुरानी बंद डाई फैक्ट्री के नीचे चार लोग बारिश से बचने के लिए छिप गए थे. तभी अचानक फैक्ट्री की जर्जर छत एवंदीवार गिर गई और चारों लोग दब गए. जिसमें चंपानगर के सरदारपुर निवासी मो मुराद (45) और ढाका टोला निवासी अमरुल्लाह (25) की मौत हो गई थी. दो अन्य घायल हो गए थे.
11 जनवरी 2018 : मुंदीचक में गिरा था घर, महिला की हो गयी थी मौत
तिलकामांझी थाना क्षेत्र के मुंदीचक स्थित आर बाखला गली में गोविंद शर्मा का दो मंजिला मकान अचानक गिर गया था. इस हादसे में मलबे में दबकर उनकी पत्नी की मौत हो गई थी. मामले में तिलकामांझी पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. यह हादसा पड़ोस में भवन निर्माण के लिए जमीन खोदने के कारण हुआ था.
27 जनवरी 2022 : 100 साल पुरानी दीवार गिरने से बच्चे की हुई थी मौत
बबरगंज थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद मोहल्ला स्थित बंधु मोदी लेन में एक घर की 100 साल पुरानी दीवार गिर गयी थी. उसके मलबे में दब कर एक आठ वर्षीय बालक मो. शफीक की मौत हो गयी थी. घटना के तुरंत बाद परिजन बच्चे को लेकर मायागंज अस्पताल पहुंचे. वहां उपचार के दौरान ही डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था. घटना में दो बच्चे आंशिक रूप से चोटिल हुए थे.
जर्जर घरों और दीवारों को तोड़ने की तैयारी ही करता रहा है निगम प्रशासन
भागलपुर शहर में जर्जर मकानों और दीवारों को तोड़ने या गिरवाने की तैयारी नगर निगम करता रहा है. जब भी कोई बड़ी दुर्घटना हुई, नगर निगम प्रशासन ने ऐसे मकानों का सर्वे कर सूची बनाने और फिर नोटिस भेजकर उन्हें तोड़ने की कार्रवाई करने का निर्णय लिया. इसके लिए बैठकें भी हुईं और मकानों के सर्वे पर चर्चा भी हुई. घटना के 15 दिन बीत गए और फिर नगर निगम प्रशासन ने अपनी गतिविधियां बंद कर दीं. नतीजा यह है कि लगभग हर साल ऐसी दीवारें या मकान लोगों की जान ले रहे हैं.
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