टीएमबीयू पीजी फिजिक्स विभाग से पीबीएस काॅलेज बांका भेजे जाने पर डाॅ सुदेश जायसवाल ने निर्णय काे पक्षपातपूर्ण व एकतरफा बताया है. उन्हाेंने बयान जारी कर कहा है कि कुलपति बताये कि क्या जांच कमेटी मूर्खों की कमेटी थी. ऐसे पक्षपातपूर्ण व अनुचित निष्कर्षों पर पहुंच कर गलत निर्णय लिया. विवि दबाव में आकर काेर्ट के विचाराधीन मामले पर जांच कमेटी ही बनाना गलत था. उन्होंने कहा कि कुछ गुंडा तत्वों के दबाव में आकर लिया गया निर्णय व भी अधिक अन्यायपूर्ण है. उनके ऊपर हुए हमले पर विभागाध्यक्ष की चुप्पी पर सवाल उठाने के बजाय, समिति ने साधना जायसवाल के रिश्तेदार की पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट पर भरोसा कर लिया. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित नहीं कर सकी. हमला विभाग की मिलीभगत से हुआ था. डाॅ जायसवाल ने कहा कि मारपीट में कभी भी वे शामिल नहीं थे. घटना के दिन वे अपने चैंबर में पढ़ाई कर रहे थे. ण्क साजिश के तहत उनके ऊपर हमला कराया गया. इतना ही नहीं घटना का वीडियो बनाकर वायरल भी किया गया. विवि ने वायरल करने वाले उनलोगों के खिलाफ कार्रवाई अबतक क्यों नहीं किया है. उन्हेंने कहा कि इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी विभागाध्यक्ष घटनास्थल पर नहीं आये. गौरतलब हो कि डाॅ जायसवाल पर उनकी पत्नी साधना जायसवाल ने फ्लैट बेच देने, घर खर्च नहीं देने सहित गंभीर आरोप लगाया था. इसे लेकर पति-पत्नी के बीच अक्टूबर पीजी विभाग में मारपीट हुई थी. महिला न्याय की मांग को लेकर दो बार कुलपति आवासीय कार्यालय के बाहर धरना पर बैठी थी. उधर, मामले में विवि प्रशासन ने पूरे प्रकरण को लेकर जांच कमेटी गठित कर दी थी. कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर डॉ सुदेश जायसवाल का पीबीएस कॉलेज बांका में स्थानांतरण एक दिन पहले कर दिया था.
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